बिहार में कई नदियों के जलस्तर में भले ही कमी दर्ज की गई है, लेकिन राज्य के 16 जिलों की 37 लाख से ज्यादा की आबादी अभी भी बाढ से प्रभावित है। इस बीच, अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। इस बीच बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 22 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बांटी गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य के 16 जिलों के 100 प्रखंडों की कुल 719 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है। वहां की 37 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है।विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 17 एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है।
इसके अलावा एनडीआरएफ की 2 3 एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं। प्रभावित इलाकों में 3045 नावों का परिचालन किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार, इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। अधिकारी ने बताया कि 2 लाख 95 हजार से ज्यादा पलीथीन शीट 1 लाख 77 हजार सूखा राशन पॉकेट बांटे गए हैं। इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी।
प्रभावित क्षेत्रों में 74 राहत शिविर 865 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। विभाग के मुताबिक, अब तक 3,70,922 बाढ़ प्रभावित परिवारों को अनुग्राहिक राहत राशि (जीआर) के राशि के रूप में प्रति परिवार को 6000 रुपये की दर से कुल 222़ 55 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।