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बांग्लादेश में हालात बेकाबू, शेरपुर जेल पर हमला कर 500 कैदी छुड़ाए; होटल में 8 को जिंदा जलाया

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा रुक नहीं रही है। अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं। सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगा दी, जिसमें आठ लोगों की जलकर मौत हो गई और 84 अन्य घायल हो गए।

Situation out of control in Bangladesh, 500 prisoners were freed by attacking Sherpur jail : जिस होटल में आगजनी हुई वह आवामी लीग के नेता शाहीन चकलादार का है। चकलादार जेसोर जिले के आवामी लीग महासचिव हैं। डिप्टी कमिश्नर अबरारुल इस्लाम ने आगजनी की खबर की पुष्टि की। मृतकों में से दो की पहचान 20 वर्षीय चयन और 19 वर्षीय सेजन हुसैन के रूप में हुई है। जशोर जनरल अस्पताल के एक कर्मचारी हारुन-या-रशीद ने बताया कि कम से कम 84 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं।

बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने धावा बोल दिया और करीब 500 कैदियों को जेल से भगाने में मदद की। सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला। इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया। उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी।

उपद्रवियों ने अवामी लीग के सांसद काजी नबील के आवास पर भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। बांग्लादेश के क्रिकेटर लिटन दास और पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। बता दें कि मुर्तजा आवामी लीग के नेता हैं। उन्होंने जनवरी में हुए आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी से चुनाव लड़ा था और संसद सदस्य बने थे। लिटन दास बांग्लादेश क्रिकेट टीम के विकेटकीपर और ओपनर हैं। वह अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से आते हैं।

पुलिस ने 4 अगस्त को पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। इस बल प्रयोग में कम से कम 98 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। 4 अगस्त की यह हिंसा बांग्लादेश में सिविल अनरेस्ट के हालिया इतिहास में सबसे घातक दिनों में से एक है। इससे पहले गत 19 जुलाई को 67 लोगों की मौत हो गई थी, जब छात्रों ने सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।