बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ होने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान कुछ कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़फोड़ की. मंदिर में तोड़फोड़ होने के बाद वहां दंगे भी भड़क गए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गई. तनाव को काबू में करने के लिए 22 जिलों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बांग्लादेश की मीडिया bdnews24.com के हवाले से बताया है कि अफवाहों के बाद कमिला में एक स्थानीय मंदिर को निशाना बनाया गया. इसके बाद वहां हिंसक झड़प हो गई, जिसे पुलिस और प्रशासन ने काबू में करने की कोशिश की. इस घटना के बाद चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली और कॉक्स बाजार के पेकुआ में भी मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं हैं. ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, एक वक्त में स्थिति काबू से बाहर हो गई थी और यहां जबरदस्त दंगे भड़क गए थे.
अखबार के मुताबिक, लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर भी हमला कर दिया क्योंकि ये लोग कानून व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे थे. डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट बताती है कि कमिला में हुई घटना के बाद चांदपुर के हाजीगंज में पुलिस और लोग आमने-सामने आ गए थे. इस झड़प में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद यहां बांग्लादेश पुलिस की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) पैरामिलिट्री फोर्स बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों की तैनाती की गई. बांग्लादेश के 22 जिलों में बीजीबी को तैनात किया गया है. इसी बीच धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने एक इमरजेंसी नोटिस जारी किया है जिसमें लोगों से कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की है. बीजीबी के डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन लेफ्टिनेंट कर्नल फैजुर रहमान ने बताया कि गृह मंत्रालय के अनुरोध पर दुर्गा पूजा के पंडालों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीजीबी के जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो और जवानों को तैनात किया जाएगा.