रामपुर जेल में कैद शबनम को फांसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। शबनम को फांसी कब दी जायेगी, अभी इसपर फैसला नहीं हो सका है। शबनम को फांसी दिए जाने के लिए मथुरा की जेल में सारी तैयारी तो कर ली गई है लेकिन अभी डेथ वॉरंट जारी ना होने के कारण उसे फांसी नहीं दी जा सकी है। शबनम को फांसी देने के लिए सरकारी वकील की ओर से मथुरा के जिला जज के पास डेथ वॉरंट जारी करने की मांग रखी गई थी। राजभवन में शबनम की दया याचिका लंबित होने के कारण जज ने वॉरंट जारी करने से मना कर दिया। जब तक दया याचिका लम्बित है तब तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता है। जेल में बंद शबनम को फांसी देने की तारीखों में दया याचिका का निस्तारण होना बाकी है। दया याचिका से इस मामले में नया मोड़ आ गया है। जेल से शबनम ने अब सीबीआई जांच की मांग की है। रविवार को शबनम अपने बेटे ताज से मिली। शबनम ने अपने बेटे से कहा कि खूब अच्छे से पढ़ना। बेटे ने भी मां से पहली बार पूछा कि क्या उन्होंने यह गुनाह किया है? जेल में शबनम से मिलने उसका बेटा और उसके केयर टेकर उस्मान पहुंचे। दोनों के बीच लगभग एक घंटे मुलाकात कराई गयी थी। ताज अपनी मां से मिलने जेल पहुंचा।
उसने अपनी मां से पहली बार पूछा क्या यह गुनाह आपने किया है तो उसने कहा कि उसे फंसाया गया है। वो पहले भी कोर्ट में इसकी जांच की मांग करती रही है लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं की गई है। बेटे को देखकर शबनम भावुक हो गई। उसने कहा कि बेटा खूब मन लगाकर पढ़ना। बेटे के केयर टेकर उस्मान ने कहा कि अगर शबनम ने ये गुनाह किया है तो उसे बिल्कुल भी बचाना नहीं चाहिए। एक बार शबनम को मीडिया से बात करने की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि शबनम ने इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है।
अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत की नींद सुलाने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है। ज्ञात हो कि षबनम एकलौती महिला होगी जिससे आजादी के बाद फांसी दी जाएगी।