वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी हर जानकारी के बारे में बताया गया है, इसमें ना सिर्फ घर से जुड़ी जानकारी बल्कि मकान में जिन चीजों को रखा जाता है, उन चीजों के बारे में भी पूरी जानकारी दी गई है. वास्तु शास्त्र (Vastu shastra) के अनुसार केवल जीवित प्राणियों से नहीं बल्कि घर में हर एक वस्तु से एक खास तरह की ऊर्जा (Energy) का निकास होता है, जो हमारे जीवन को किसी न किसी रूप से प्रभावित करती रहती है. इसका यही मुख्य कारण है कि वास्तु शास्त्र हमारे लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इसकी मदद से हम जान सकते हैं कि घर पर हम किस वस्तु को कहां और किस दिशा में रखने से फायदा होगा. इसमें फर्नीचर (Furniture) हमारे घर का सबसे जरूरी भाग होता है. इसलिए अगर आप भी नया फर्नीचर लेने वाले है, तो जान लें कि किन बातों को ध्यान रखना जरूरी है.
वास्तु टिप्स
- कभी भी मंगलवार, शनिवार और अमावस्या के दिन नया फर्नीचर खरीददारी नहीं करनी चाहिए. .ये तीन दिन फर्नीचर लेने के लिए शुभ नहीं होते हैं. इन दिनों लाया गया फर्नीचर घर में नकारात्मकता (Negativity) लाता है.
- घर के जिस कमरे के लिए आप फर्नीचर खरीद रहे हों वहां पर जितनी जगह हो उसके हिसाब से ही उतना बड़ा फर्नीचर खरीदना चाहिए. अगर पूरा कमरा फर्नीचर से ही भर जाए और उसमें खाली जगह न हो तो इससे भी नेगेटिविटी बढ़ने की आशंका रहती है. साथ ही इसकी वजह से परिवार में तनाव में हो सकता है.
- लकड़ी का फर्नीचर बनवाना है , तो हमेशा शीशम, अशोक, सागवान, साल, अर्जुन और नीम की लकड़ियों से बना फर्नीचर ही खरीदना चाहिए. ये लकड़ियां शुभ मानी जाती हैं. कभी भी पीपल या बरगद की लकड़ी से फर्नीचर नहीं बनवाना और खरीदना चाहिए.
- वास्तु शास्त्र अनुसार घर में जो भी भारी फर्नीचर हों, उनको हमेशा दक्षिण और पश्चिम दिशा में ही रख देना चाहिए और घर की उत्तर और पूर्व दिशा को जितना हल्का और खुला रखेगें ,उतना ही शुभ माना जाता है.
- जब भी फर्नीचर पसंद करें तो याद रखें हमेशा स्क्वॉयर या रेक्टैंगल शेप का ही हो. ट्राइएंगल, राउंड या ओवल शेप का फर्नीचर कभी भी ना लें.