आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के पायलट फेस के तहत 6 राज्यों के 761गांव में प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण का शुभारंभ और योजना के लाभार्थी कार्ड धारकों के साथ प्रधानमंत्री संवाद कार्यक्रम में जनपद बाराबंकी के सांसद उपेंद्र रावत द्वारा उक्त कार्डों का वितरण किया गया।
फिलहाल जिनके कार्ड बन गए हैं।उनमें उत्तर प्रदेश के 346 गांव,हरियाणा के 221गांव,महाराष्ट्र के 100 गांव,उत्तराखंड के 50 और मध्य प्रदेश के 44 गांव शामिल हैं।
क्या है स्वामित्व योजना?
केंद्र सरकार की यह योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस 24 अप्रैल 2020 को लांच की गई थी। योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए करवाया जाना है।जिससे ग्रामीण इलाकों में प्रॉपर्टी संबंधी विवाद कम हो और ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बने।वह इसका इस्तेमाल बैंक से कर्जा लेने के अलावा अन्य कामों में भी कर सकते हैं। पंचायती राज मंत्रालय इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है और राज्यों में योजना के लिए राजस्व/भूलेख विभाग नोडल विभाग है।
सांसद ने आगे बताया की देश की लगभग 60% जनता ग्रामीण क्षेत्रों से है।लेकिन ज्यादातर ग्रामीणों के पास अपनी जमीनों के मालिकाना हक के कागजात नहीं है।पुराने शासनकाल में खेती वाली जमीनों का तो रिकॉर्ड रखा गया,लेकिन आवासीय जमीनों का कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा गया।जिससे गांव में रहने वाले अनपढ़ ग्रामीण अपने घर के मालिकाना कागजात से वंचित रह गए।उसी समस्या को दूर करने के लिए स्वामित्व योजना लाई गई है।
कार्यक्रम में सांसद उपेंद्र रावत के अलावा जिलाधिकारी प्रभारी, एसडीएम सदर अभय पांडे, सीडीओ मेधारूपम व अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।