प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए आज ‘ प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है. इस योजना का मकसद बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना बनाना और समन्वित कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है. इस मौके पर प्रधानमंत्री प्रगति मैदान में नए प्रदर्शनी परिसर हॉल दो से पांच को भी देश को समर्पित करेंगे. 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को जीआईएस मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है.
इस योजना के अंतर्गत किसी भी योजना के निर्माण, डिजाइन में भारतमाला, सागरमाला, अंतरदेशीय जलमार्ग, शुष्क भूमि, बंदरगाह, उड़ान जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार की ढांचागत परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘गति शक्ति हमारे देश के लिए एक राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान होगा, जो समग्र बुनियादी ढांचे की नींव रखेगा. अभी हमारे परिवहन के साधनों के बीच कोई समन्वय नहीं है. गति इन सभी बाधाओं को दूर करेगी.’’ यह मंच उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा, उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा.
परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए एक राष्ट्रीय योजना समूह
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह असंबद्ध योजनाओं की समस्या को दूर करेगा, मानकीकरण की कमी, मंजूरी के मुद्दों और समय पर निर्माण और क्षमताओं का अधिकतम उपयोग जैसे मुद्दों को हल करेगा.’’ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान ने इस मंच को विकसित किया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग सभी परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय होगा. परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए एक राष्ट्रीय योजना समूह नियमित रूप से बैठक करेगा. किसी भी नई जरूरत को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में किसी बदलाव को मंजूरी देने को लेकर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया जाएगा.
राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह
सभी राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया गया है, क्योंकि इससे देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी और आगे चलकर मंच का आंकड़ा निजी क्षेत्र को भी दिया जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि सड़क, रेलवे, दूरसंचार, तेल और गैस जैसे मंत्रालयों की परियोजनाएं इस मंच पर हैं, और इससे कपड़ा तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों को भी अपने पार्कों की योजना बनाने में मदद मिल सकती है. उन सभी योजनाओं को एक नेशनल मास्टर प्लान के अंदर रखा जायेगा. इसमे सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और विशेषज्ञ होंगे. ये लोग सैटेलाइट से लिए गए 3 डी इमेज के जरिये उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे.
पीएम गति शक्ति योजना से परियोजनाओं की लागत और रखरखाव पर आने वाले खर्च में कमी आएगी, वहीं रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है, जिसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को रफ्तार मिलेगी. 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा की थी.