पिछले लॉकडाउन (Last Lockdown) में दिक्कतों का सामना कर चुके (Faced difficulties) प्रवासी मजदूर (Migrant Laborers) फिर अपने घर (Their Homes) लौट रहे हैं (Returning) । हालांकि अभी ऐसा प्रतीत हो रहा है इस बार वही लोग जा रहे हैं, जो पिछले लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशान रहे थे। कोई अपने परिवार के साथ फंसा रहा तो किसी के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, इसी के चलते कई लोग पहले ही घर जाना पसंद कर रहे हैं।
दरअसल दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा केस मिले हैं। ऐसे में लॉकडाउन की आशंका से प्रवासी और खासतौर पर मजदूर बेहद डरे हुए हैं। हालांकि सरकार ने कोरोना के रोकथाम के लिए कर्फ्यू लागू किया हुआ है लेकिन मौजूदा स्थिती को देखते हुए प्रवासी मजदूर घर जाने की तैयारियों में लगे हुए हैं और कुछ धीरे धीरे निकल भी रहे हैं।
दिल्ली के प्रेम नगर में एक सोसाइटी में ठेकेदारी करते तौफीक अहमद अम्बेडकर नगर निवासी हैं। उनके गांव या स्थानीय गांव के कई मजदूर उनके साथ यहां काम करते हैं। दिल्ली में कर्फ्यू लगने के पहले ही करीब 8 लोग इसलिए अपने गांव वापस चले गए, क्योंकि उनको लॉकडाउन लगने का डर था।
उन्होंने बताया, करीब 7 -8 लोग दिल्ली से जा चुके हैं । अन्य मजदूर भी वापस जाने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। हालांकि हमने सभी मजदूरों को आश्वासन दिया है कि खाने की दिक्कत नहीं होगी लेकिन उसके बावजूद भी लोग डरे हुए हैं।
तौफीक कहते हैं, जिन मजदूरों ने पिछले लॉकडाउन के दौरान समस्याएं झेली वह सबसे ज्यादा डरे हुए हैं और वही मजदूर भाग भी रहे हैं। साथ ही बसों का किराया भी बढ़ा दिया गया है। दिल्ली के प्रेम नगर से पहले हजार रुपये में प्राइवेट बसें चलती थी, लेकिन अब वही 1200 रुपये मांग रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, बिहार, गोंडा, मुरादाबाद आदि जगहों के मजदूर भाग चुके हैं। दो दिन पहले 4 लोग गए और उससे पहले 3 मजदूर गए थे। हम तो चाहते हैं यह सभी जल्दी वापस आएं, वरना काम पर असर पड़ेगा। लेकिन हालात को देखते हुए यह सभी फैसला लेंगे क्योंकि अभी जितने मजदूर गए हैं उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कब आएंगे।
दरअसल दिल्ली में सोमवार को सरकार मौजूदा कोरोना स्थिति पर एक बैठक करेगी, इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा और लॉकडाउन लगेगा या नहीं इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि सरकार अपनी तरफ से इंकार कर रही है।
पिछले लॉकडाउन में अम्बेडकरनगर निवासी हेमंत मौर्या ने बड़ी परेशानी देखी, जिसके कारण अब वह वही स्थिती फिर नहीं देखना चाहते और दिल्ली में लगे कर्फ्यू के डर से अपने घर वापस चले गए हैं।
हेमंत ने बताया, दो दिन पहले रात में हम दिल्ली से निकल गए थे। पिछली बार मैं अपने परिवार के साथ फंस गया था। दो दिन- चार दिन करते करते लॉकडाउन बढ़ता गया और मुझे बहुत दिक्कत हुई, खाने तक की समस्या उतपन्न हो गई थी, इसलिए इस बार जब मैने सुना तो मैं पहले ही निकल गया।
यदि क़र्फ्यू नहीं बढ़ा तो आएंगे, वरना अभी नहीं आएंगे। सिर्फ डर के कारण ही मैं बीते 6 जनवरी को ही निकल गया। काम की दिक्कत आएगी लेकिन जान रहेगी तो आगे ढूंढ लेंगे, इस बार मेरे साथ 4 अन्य साथी भी थे।
हेमंत अकेले नहीं है जो कि दिल्ली छोड़ अपने घर वापस चले गए हों। गोंडा जिले के निवासी 33 वर्षीय राजू भी पिछले लॉकडाउन के दौरान परेशान रहे और इस बार किसी तरह की दिक्कत न आये तो वह पहले ही अपने घर रवाना हो गए।उन्होंने बताया, पिछले लॉकडाउन के दौरान हम अपने बच्चों को लेकर साथ रहते थे। पूरे दिन भूखा रहना पड़ा था और जेब में पैसे तक नहीं थे। कुछ पैसे थे, लेकिन किसी अन्य दोस्त से कर्जा लेकर दिल्ली से निकला था। इसलिए इस बार मैं पहले ही अपने घर निकल आया हूं यदि आगे कर्फ्यू नहीं बढ़ेगा तो वापस आ जाएंगे।मेरे साथ एक अन्य गांव का विनोद नामक लड़का भी घर वापस आया है। अब वापस आने पर विचार करेंगे क्योंकि हालात अभी ठीक नहीं है। कुछ ठीक लगेगा तो वापस आएंगे।
दिल्ली में अधिकतर अन्य राज्यों के लोग ही काम करते हैं। ऐसे में यदि कोरोना के मामलों में जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो फिर पिछली बार की तस्वीरें सामने आ सकती हैं।हालांकि आनंद विहार बस स्टैंड के बाहर कई प्राइवेट बस संचालक हैं जो बिहार जाने की बसों को संभालते हैं। उनके मुताबिक अभी ऐसे हालात नहीं आये हैं और बस का किराया भी वो सामान्य ही ले रहे हैं।