पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Prime Minister Nawaz Sharif) की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने देश की दुर्दशा के लिए पांच लोगों को जिम्मेदार ठहराया है.
लंदन से चार महीने के बाद पाकिस्तान लौटीं मरियम नवाज ने कहा कि मुल्क के पांच लोगों ने देश को चौपट कर दिया है. उन्होंने इन पांच लोगों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार और आसिफ सईद खोसा का नाम उजागर किया है. लेकिन दो अन्य लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया. लेकिन कहा कि ये बाकी दोनों शख्स इमरान खान के शागिर्द हैं.
मरियम ने बहावलपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह समझना जरूरी है कि देश उस स्थिति तक कैसे पहुंचा, जहां उसे मुश्किल फैसले लेने पड़े?
उन्होंने कहा कि लोगों को शुक्रगुजार होना चाहिए कि देश पीटीआई के नेतृत्व में चार सालों की दुर्दशा से बाहर निकल गया है. अगर ऐसा नहीं होता तो इन पांचों लोगों ने अगले 12 सालों के लिए शासन करने की योजना बनाई थी. अब जरा सोचें कि अगर ये पांचों लोग अगले 12 सालों तक सत्ता में रहते तो देश का क्या हाल होता. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है. देश में एक के बाद एक आत्मघाती हमले हो रहे हैं.
मरियम ने कहा कि इन पांचों लोगों ने दिन और रात एक कर इस मुल्क को लूटा है. कोई हीरे की अंगूठी ले रहा है, कोई प्लॉट ले रहा है, कोई जमीन के जरिए पैसा कमा रहा है, कोई दुबई पैसा भेज रहा है. किसी का चकवाल में हजारों घर पर मालिकाना हक हो गया है. इस लूट से देश को बचाने की जिम्मेदारी उनकी पार्टी पीएमएल-एन की है.
पाकिस्तान में बढ़े आतंक पर इमरान को खूब सुनाई
मरियम ने देश में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों और हाल ही में पेशावर में हुए हमले पर इमरान खान को घेरते हुए कहा कि पीएमएल-एन ने देश से आतंकवाद को सफाया कर दिया था. लेकिन इमरान के सत्ता में आने पर आतंक ने फिर सिर उठा लिया.
उन्होंने पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख फैज हामिद का हवाला देते हुए कहा कि इमरान खान जिसे अपनी आंख, कान और नाक कहता था. वह खैबर पख्तूनख्वा में तैनात था और उसने आतंकियों के लिए पाकिस्तान के दरवाजे खोल दिए थे.
अगर इमरान खान का आंख, कान और नाक बनकर घूम रहा यह शख्स पाकिस्तान का आंख, कान और नाक बनता तो मुल्क को यह दिन नहीं देखना पड़ता.