रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स (general atomics) से जिस मानवरहित प्रीडेटर ड्रोन (predator drone) एमक्यू-9बी खरीदने पर मुहर लगाई है वह दुनिया का सबसे उन्नत ड्रोन है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन का काम तमाम कर सकता है। वर्ष 2021 में एक ड्रोन की कीमत करीब तीन करोड़ डॉलर आंकी गई थी। एमक्यू-9बी के दो स्वरूप हैं स्काई गार्डियन और सी गार्डियन। सी गार्डियन ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों के लिए खरीदे गए हैं, क्योंकि ये ड्रोन समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नौसेना को 14 ड्रोन, जबकि वायुसेना और थलसेना को आठ-आठ ड्रोन मिलने की संभावना है।
ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल के अनुसार, इस मानव रहित ड्रोन ने अपनी पहली उड़ान दो फरवरी 2001 में भरी थी। 950 शाफ्ट हॉर्स पावर टर्बोप्रॉप इंजन से लैस यह बेहद घातक और ताकतवर है। अफगानिस्तान युद्ध के दौरान 2008 में अमेरिकी वायुसेना ने 230 किलो वजनी बम से दुश्मन के 16 ठिकानों को एक उड़ान में तवाह किया था।
आठ घंटे में पैक हो जाएगा रीपर
वर्ष 2018 तक अमेरिकी वायुसेना के पास कुल 287 एमक्यू-9 ड्रोन थे। 500 से अधिक रीपर ड्रोन बनाने का लक्ष्य है जिसमें अमेरिकी वायुसेना के पास 300 से अधिक रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार सी-17 ग्लोबमास्टर 3 सैन्य मालवाहक विमान से इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। आठ घंटे में इसे आसानी से पैक करने का रिकॉर्ड अमेरिकी वायुसेना के नाम है।
सेंसर और आधुनिक कैमरे से लैस
ड्रोन थर्मोग्राफिक कैमरे और सेंसर से लैस है। ड्रोन में मौजूद एक कैमरा तीन किलोमीटर दूर मौजूद किसी वाहन के नंबर प्लेट को पढ़ सकता है। ऑपरेटर की आपात स्थिति में हमला करने के लिए कमांड पर 1.2 सेकंड में ही इतनी दूरी तय कर सकता है। ड्रोन घातक बम और मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों पर आसानी से हमला करने में सक्षम है।
दुनिया के कई देशों की ताकत
रीपर ड्रोन अमेरिका के साथ दुनिया के कई और देशों की की ताकत है। फ्रांस ने 2013 में दो ड्रोन का ऑर्डर दिया था। इसी तरह ग्रीस ने वर्ष 2022 में तीन नए रीपर ड्रोन की खरीदारी की थी। इसके अलावा स्पेन, ब्रिटेन, नीदरलैंड, इटली जैसे देशों ने अमेरिका से इस ड्रोन की खरीदारी की इच्छा जताई है। पोलैंड ने हाल ही में कुछ ऑर्डर दिए हैं लेकिन खुलासा नहीं किया है।
ये हैं दुनिया के खतरनाक ड्रोन
1. बायरकतार-टीबी:2: तुर्की की सेना के लिए तुर्की की एयरोनॉटिकल कंपनी बायरकतार मकिना ने इसे 2018 में तैयार किया था। कंपनी के अनुसार, 25 हजार फीट की ऊंचाई पर यह लगातार 27 घंटे उड़ सकता है। बिना ग्राउंड सिस्टम के यह उड़ान भरने और लैंडिंग में सक्षम है। 150 किलोग्राम पेलोड के साथ 122 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसका वजन 700 किलोग्राम है और ईंधन क्षमता 300 लीटर है। तुर्की का यह ड्रोन बहुत ही घातक है। यह हवा में युद्ध लड़ने में माहिर है और क्रूज मिसाइलों से लैस है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, छोटे बम, क्रूज मिसाइलें और सिरिट मिसाइलें शामिल हैं।
2. सिरियस: रूस का यह मानवरहित ड्रोन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 23 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। एक बार की उड़ान में तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। 300 से 400 किलोग्राम वजन लेकर उड़ने में सक्षम है। यूक्रेन युद्ध में रूस इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहा है।
3. हेरॉन टीपी: इस्त्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने इसे तैयार किया है। 2700 किलोग्राम वजनी पेलोड के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। 407 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से लगातार 30 घंटे उड़ सकता है। 5670 किलोग्राम वजन के साथ तीस घंटे तक 45 हजार फीट की ऊंचाई पर 400 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से उड़ान भरने में सक्षम है।
4. सीएच-5 : इसे चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने बनाया है। चीन दावा करता है कि उसका यह ड्रोन घातक अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 के बराबर है। 1200 किलोग्राम पेलोड के साथ विध्वंसक लेकर लगातार 60 घंटे या दस हजार किलोमीटर की उड़ान भर सकता है। चीन ने हाल ही में इसके ईंधन क्षमता को 30 फीसदी तक बढ़ाया है।
5. आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक : अमेरिकी एयरोनॉटिकल कंपनी रायन इंटरनेशनल और नॉर्थरॉप ग्रुममैन ने इसे 1998 में तैयार किया था। यह 40 हजार स्कवॉयर माइल्स निगरानी में सक्षम है। 910 किलोग्राम विध्वंसक के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। लगातार तीस घंटे की उड़ान भर सकता है। यह अपर्चर रडार और थर्मोग्राफिक कैमरे से लैस है।
ईरान का ड्रोन भी चर्चा में
शाहिद-136 या कामिकाजे: इसे सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं। यह इतना क्षमतावान है कि निर्देश मिलने से पहले टारगेट एरिया के करीब इंतजार करता है। इसके बाद जैसे ही निर्देश मिलते हैं यह विस्फोटक को पूरी ताकत के साथ टारगेट पर ब्लास्ट करता है। मिलिट्री फैक्ट्री वेबसाइट की तरफ से बताया गया है कि इस ड्रोन का वजन 200 किलोग्राम है और इसका विंगस्पैन 2.5 मीटर है। इसको ईरान की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने तैयार किया है। साल 2021 से इसका प्रयोग हो रहा है। रूस पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले के लिए ईरान के बने शाहिद-136 या कामिकाजे ड्रोन का प्रयोग कर रहा है।