लॉकडाउन के दौरान व्यापार में घाटा हुआ तो एक शख्स एनसीईआरटी की पाइरेटेड किताबें छापने लगा. जब इस बात की भनक दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को चली तो क्राइम ब्रांच ने प्रिंटिंग प्रेस पर जब छापा मारा तो दंग रह गई. पुलिस ने देखा कि वह बड़े पैमाने पर एनसीईआरटी की किताबों को छापा जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने मौके से करीब 35 लाख रुपये मूल्य की किताबें बरामद की हैं और किताबें छापने का सामान भी मौके से बरामद किया है. एनसीईआरटी के वॉटरमार्क के साथ प्रिंटिंग पेपर और ऑफसेट प्रिंटिंग मशीन भी बरामद किए गए हैं. पुलिस ने शख्स को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, मुख्य आरोपी मनोज जैन तक पहुंचने से पहले दिल्ली पुलिस 18 सितंबर को इसके प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंच गई थी. नंद नगरी में चल रहे इस प्रिंटिंग प्रेस पर छापेमारी कर क्राइम ब्रांच ने एनसीआरटी की नकली किताबें और उन्हें छापने का सामान बरामद किया था. बताया गया कि एनसीईआरटी की किताबों की मांग तो हमेशा से रही है. संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएससी से जुड़े स्कूलों के लिए कई एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने करने की कोशिश की है.
मनोज जैन जो कि पहले से ही प्रिंटिंग प्रेस चलाता था और लॉकडाउन के दौरान इसे काफी घाटा हुआ था तो उसने बाद में एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने शुरू कर दी. पुलिस ने मौके से 80000 छपे हुए पेज भी बरामद किए हैं जिनके किताबें बननी थीं. 18 सितंबर को जब क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा था तब मनोज जैन वहां से मौका देख कर भाग निकला था और तभी से पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. आखिरकार क्राइम ब्रांच ने मनोज जैन को 4 अक्टूबर की देर रात गिरफ्तार कर लिया.