उत्तर प्रदेश चुनाव की पैंतरेबाजी में भारतीय जनता पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के परिवार में डबल सेंध लगा दी है। पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव और अब उनके साढ़ू प्रमोद गुप्ता को बीजेपी में शामिल करा लिया है। गुरूवार को प्रेसवार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी जो कल तक उन पर परिवारवाद का आरोप लगा रही थी वह अब इसे खत्म कर रही है। अखिलेश यादव से जब परिवार के दो सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने और उनकी ओर से आलोचना पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे तो यह बात समझ नहीं आ रही है। बीजेपी को तो खुश होना चाहिए इस बात से। भाजपा जो आरोप लगाती है परिवारवाद का वह स्वयं खत्म कर रही है। इसके लिए बीजेपी को धन्यवाद देता हूं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा परिवारवाद का आरोप लगाती है लेकिन कम से कम हमारे परिवार को तो ले रही है। परसेप्शन की लड़ाई में भाजपा हार गई है। उन्होंने कहा कि हम आगे हैं। आउटसोर्स अच्छी प्रथा नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी के घर में लड़ाई नहीं करवा सकती। हम किसी के परिवार में झगड़ा नहीं करवाएंगे। अखिलेश ने कहा, आपकी आंख नहीं खुली? कैसे पत्रकार हैं आप? आपको अब तक पता नहीं लगा। जिस तरह सपा में बड़े-बड़े नेता शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चैहान, उनके पास लोगों का समर्थन है, जिस तरह सपा ने दलों को जोड़ा है। जो परसेप्शन है, परसेप्शन की लड़ाई में बीजेपी हार चुकी है। हम अपना मेनिफेस्टो जारी कर रहे हैं।
बहाल होगी पुरानी पेंशन व्यवस्था
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव से पहले एक और बड़ा ऐलान किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा. यह समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। 2005 से पूर्व कर्मचारियों को मिलने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी।
सपा जो कहती है वो करती है
सपा के मुखिया ने कहा कि हमारी पार्टी जो कहती है वो करती है। सपा की कथनी और करनी में कहीं भेदभाव नजर नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में नेता जी ने यश भारती सम्मान दिया था, उसे फिर शुरू करेंगे। नगर भारती सम्मान भी देंगे। उम्र दराज कर्मचारियों के सपोर्ट और सोशल सिक्योरिटी के लिए पुरानी पेंशन बहाली की जाएगी।