बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में सिर्फ तीसरा चरण बाकी है. इसके बाद ये तय हो जाएगा कि बिहार की जनता का दिल जीतने में कौन सी पार्टी कामयाब हुई है. 7 नवंबर को तीसरे चरण पर मतदान होना है. इसके बाद सत्ता का निर्णय हो जाएगा. 2020 के चुनाव में तेजस्वी से लेकर चिराग पासवान और पप्पू यादव का भी नाम खूब चर्चाओं में रहा. एक दौर था जब पप्पू यादव (Pappu Yadav) बिहार के बाहुबली की लिस्ट में गिने जाते थे. साथ ही लालू यादव (Lalu yadav) के काफी करीबी माने जाते थे. लेकिन इस बार पप्पू यादव अपनी अलग पार्टी के साथ जनता के बीच चुनावी मैदान में उतरे हैं. हालांकि पप्पू यादव का पुराना दौर भी बिहार की जनता को जरूर याद होगा जब वो हत्या के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे सजा भुगत रहे थे.
पप्पू यादव पर जानलेवा हमला
पप्पू यादव के कारनामों से हर शख्स वाकिफ है. लेकिन आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि वो देश की सबसे बड़ी संस्था संसद में बेहतरीन परफॉर्मेंस देने वाले लोकसभा सांसद का खिताब भी जीत चुके हैं. आपको बता दें कि एक बार पप्पू यादव पर इतना बड़ा जानलेवा अटैक किया गया था कि उनका बचना मुश्किल था.इस बारे में खुद पप्पू यादव ने खुलासा किया था. बिहार के पुराने सत्ता के पन्नों में जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन सिंह और पप्पू यादव की दुश्मनी की तमाम कहानियां दर्ज हैं.
दरअसल द लल्लनटॉप को एक बार इंटरव्यू देते हुए पप्पू यादव (Attack On Pappu Yadav) ने हमले से जुड़ी पूरी सच्चाई के बारे में बताया था. फिलहाल पप्पू हमेशा से ही पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह के साथ अपनी दुश्मनी को नकारते रहे हैं. उन्होंने बताया कि जो भी दिक्कत थी वो दोनों के बीच कॉलेज के दौरान थी.पप्पू यादव ने इंटरव्यू में एक घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि, जिस समय शरद यादव मधेपुरा से चुनावी मैदान में उतरे थे उस वक्त आनंद मोहन सिंह उनका विरोध जता रहे थे.
बड़ी जद्दोजहद के बाद बची थी जान
पप्पू यादव ने आगे बात करते हुए बताया कि उस दौरान चुनाव के समय अलग-अलग जगहों पर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था. जिसके लिए लालू प्रसाद यादव ने मेरा नाम आगे कर दिया. पप्पू यादव ने बताया कि उसी समय की बात है जब जिले के एक गांव में ही दलितों के बीच हिंसा की घटना के बारे में जानने के बाद मैं वहां पर पहुंच गया. लेकिन तभी अचानक से लोगों ने मुझ पर ही धावा बोलते हुए हमला कर दिया.यही नहीं पप्पू यादव ने कहा कि उस समय मुझ पर करीब 10 हजार राउंड गोलियां (10 thousand rounds Firing) चलाई गई. पूरे 8 घंटे तक ऐसे ही लगातार ताबड़तोड़ गोलियां चलती रही. उन्होंने बताया कि इस घटना में मेरे तीन दोस्त को जान से हाथ धोना पड़ा. आगे पप्पू यादव ने कहा कि यदि उस दिन वहां पर वक्त से जिले के डीएम और एसपी नहीं पहुंचते तो मेरी मौत हो जाती.