सोमालिया ऐसा देश है, जहां पत्रकारों का जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है. यहां किसी पत्रकार के लिए कहीं ग्राउंड लेवल पर जाकर रिपोर्टिंग करना मतलब अपनी जान को जोखिम में डालना है. हालांकि इन सबके बावजूद इस देश में पहला और एकमात्र न्यूजरूम है जो महिलाएं चलाती हैं. मीडिया हाउस में अहमद मुख्य संपादक के रूप में काम करती हैं.
न्यूज चैनल का नाम बिलान है. बिलान के पत्रकार तय करते हैं कि वे क्या कवर करेंगे, कब कवर करेंगे और कैसे करेंगे. यहां महिलाएं पूरी स्वतंत्रता से काम करती हैं. टीम हार्ड न्यूज को अधिक कवर करती है. यह महिलाओं के मुद्दों को सामने रखती हैं ताकि उनकी आवाज सुनी जाए. बिलान को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा वित्त पोषित और समर्थित किया जाता है.
यहां की महिला पत्रकारों के मुताबिक, तमाम ऐसे हैं, जिन्हें महिलाओं के मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करना मुश्किल लगता है. अहमद कहती हैं, ‘हम सोमालिया के लोगों को जानते हैं, उनके लिए लड़कियों के मुद्दे शर्मनाक हैं. जैसे, किशोरावस्था के लक्षण जैसे पीरियड्स पर बात करना बहुत बुरा माना जाता है.’ यहां के लोगों की शिकायत है कि बिलान की कहानियां देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं.
टीम को यूएनडीपी का समर्थन है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें डर रहता है कि कोई उन्हें हानि ना पहुंचाए. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, 2010 के बाद से 50 से अधिक पत्रकारों की हत्या के साथ, सोमालिया अफ्रीका में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश है. पत्रकारों की सुरक्षा करने वाली समिति सोमालिया को अंतिम स्थान पर रखती है.