आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Former CEO Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने यह गिरफ्तारी लोन धोखाधड़ी मामले (loan fraud cases) में किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था।
3,250 करोड़ रुपये के लोन पास करने का है मामला
आपको बता दें कि बैंक ने मई 2018 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के लोन देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। कर्ज देने से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा हुआ था। इसके बाद कोचर छुट्टी पर चली गईं और समयपूर्व सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। चंदा कोचर पर भेदभाव और वीडियोकॉन ग्रुप को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं।
चंदा कोचर पर 2009 और 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को लोन देने में आईसीआईसीआई बैंक में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। यह आरोप लगाया गया था कि वेणुगोपाल धूत ने ICICI बैंक से ऋण प्राप्त करने के बाद Nupower Renewables में करोड़ों का निवेश किया था। सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ लोन मंजूर किए थे। बता दें कि चंदा कोचर को इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी मामले में 2021 में गिरफ्तार किया था।
हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर की सीईओ पद से बर्खास्तगी को ‘वैध’ करार दिया है। इसके साथ ही अदालत ने सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ के लिए उनके अंतरिम आवेदन को भी खारिज कर दिया।