देश की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए बॉर्डर इलाकों पर सड़कों का जाल बढ़ाया रहा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय बजट 2023-24 में इन सड़कों का निर्माण करने वाली बॉर्डर रोड आर्गनाइेजशन (BRO) का बजट करीब 33 फीसदी बढ़ाया जा रहा है. क्योंकि बॉर्डर इलाकों पर बनने वाली सड़कें न केवल सामायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भागीदार होती हैं.
बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन के महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बताया कि देश के साथ केन्द्र सरकार भी बीआरओ पर पूरा भरोसा कर रही है, यही वजह है कि दो वर्षों में बीआरओ के बजट में 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने जा रही है. दो साल तक पहले तक जीएस रोड यानी जो सेना के लिए सड़कें बनाई जाती हैं, उसके लिए 2500 करोड़ रुपये का बजट था. पिछले बजट में 40 फीसदी बढ़ाकर 3500 करोड़ किया गया और इस बार बजट 5000 करोड़ होने वाला है.
यही वजह है कि बीआरओ ने पिछले दिनों विश्व स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जो देश के लिए गर्व का विषय हैं. मौजूदा समय बीआरओ के प्रोजेक्ट 11 राज्यों और 3 यूटी में चल रहे हैं, राजस्थान से लेकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर के साथ एक टास्क फोर्स अंडमान निकोबार में भी तैनात है, जो ऐसी जगह सड़कों का निर्माण कर रही है, जहां पर सड़कों की कल्पना करना भी मुश्किल होता है.
बीआरओ मौजूदा आज 11 टनल का निर्माण कर रहा है. इसके अलावा 9 टनल फाइनल स्टेज पर हैं. जिसमें असम को अरुणाचल से जोड़ने वाली टलन ब्रहमपुत्र नदी के नीचे बन रही है. इसमें तीन ट्यूब होंगी जो विश्व की संबसे लंबी 9.8 किमी रेल रोड टनल होगी. इस तरह की कई और साख टनल का निर्माण चल है. 2021 में बीआरओ ने 102 और इससे पूर्व वर्ष में 103 प्रोजेक्ट पर काम किया. दो साल में 205 प्रोजेक्ट का निर्माण किया गया.