परमाणु बम (Nuclear Bomb) जैसे हथियार देशों की सीमाओं की सुरक्षा के लिए जितने जरूरी हैं, वैश्विक शांति के लिए उतने ही खतरनाक हैं. उससे भी खतरनाक है देशों का सबसे शक्तिशाली बनने का इरादा. इसी इरादे से चीन का 1000 परमाणु बमों का निर्माण दुनिया के लिए खतरे का संकेत है. चीन (China) के 100 परमाणु बम इस्तेमाल की स्थिति में बिल्कुल तैयार हैं. इतना ही नहीं चीन का अगला टारगेट है लंबी दूरी की मिसाइलों (Missile) का निर्माण. चीन अमेरिका (America) और रूस (Russia) के बीच हथियारों को घटाने वाली नई संधि का फायदा उठाना चाहता है.
चीन का परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाना एक खतरनाक कदम है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 90 फीसदी हथियार रूस और चीन के पास हैं. 80 के दशक में सोवियत संघ और अमेरिका के पास 10 हजार से अधिक परमाणु बम थे. नई संधि के बाद इनकी संख्या को कम किया गया है.
अमेरिका रूस संधि का फायदा उठा रहा चीन
मौजूदा समय में संधि के तहत सोवियत संघ के पास 6500 और अमेरिका के पास 5000 परमाणु बम हैं. संधि के तहत बमों की संख्या को घटाकर 1550 तक किया जाएगा. एक ओर जहां रूस और अमेरिका ने अपने परमाणु बमों की संख्या को सार्वजनिक कर दिया है वहीं चीन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के पास 320 परमाणु बम हैं. हालांकि चीन की सेना के एक सूत्र ने दावा किया है कि चीन के पास 1000 परमाणु बम हैं, जिनमें से 100 सक्रिय हैं. सूत्र के मुताबिक इन बमों के इस्तेमाल के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश की जरूरत होगी. परमाणु युद्ध की स्थिति में ये बम हमले के लिए रॉकेट फोर्स को दिए जाएंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अमेरिका और रूस के बीच हुई संधि का फायदा उठा रहा है और अपने परमाणु हथियारों में इजाफा कर रहा है.
सिर्फ 100 सक्रिय परमाणु बम का दावा
चीन के पूर्व सेना अधिकारी और सैन्य विशेषज्ञ सों झोंगपिंग ने कहा कि चीन के पास सिर्फ 100 परमाणु बम एक्टिव हैं. इतने बमों से अमेरिका के हर शहर को निशाना नहीं बनाया जा सकता. चीन परमाणु हथियारों के मामले में अमेरिका और रूस की बराबरी करना चाहता है. उसने 2018 में यह जानकारी दी थी कि उसकी सीजे-20 क्रूज मिसाइल परमाणु बम से हमला करने में सक्षम है. सीजे-20 मिसाइल 2 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है.