Breaking News

तिहाड़ जेल परिसर में क्षमता से अधिक कैदी, निगरानी रखना भी हुआ मुश्किल, नामी आरोपी काट रहे सजा

तिहाड़ जेल परिसर में वास्तविक क्षमता से ढाई गुना अधिक कैदी हैं जिससे उन पर नजर रखना मुश्किल हो गया है। इस जेल में कुछ बड़े मामलों में विचाराधीन आरोपी और सजायाफ्ता अपराधी भी हैं। तिहाड़ के भार को कम करने के लिए बनाये गए रोहिणी और मंडोली जेल परिसरों की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है। रोहिणी जेल 2004 में और मंडोली जेल परिसर 2016 में बनाया गया था।

दिल्ली में तीन जेल परिसर हैं- तिहाड़, रोहिणी और मंडोली तथा यह सभी केंद्रीय कारागार हैं। तिहाड़ जेल के महानिदेशक कार्यालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि वहां 5200 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन वर्तमान में उसकी विभिन्न जेलों में 13,183 बंदी हैं। तिहाड़ को दुनिया का सबसे बड़ा जेल परिसर माना जाता है और इसमें नौ जेल हैं।

मंडोली में छह केंद्रीय कारागार हैं और उसकी क्षमता 1,050 कैदियों की है लेकिन अभी वहां 2,037 बंदी हैं। रोहिणी की एक ही जेल है जिसकी क्षमता 3,776 कैदियों की है मगर उसमें 4,355 बंदियों को रखा गया है। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन किसी तरह काम चला रहे हैं।

जेल में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने से बहुत सी समस्याएं सामने आती हैं, जैसे कि उनके बीच के झगड़े, उचित निगरानी और सुधार की गतिविधियां चलाने में सामने आने वाली कठिनाई।’’ जेल अधिकारियों ने कहा कि तीनों जेल परिसरों में टीवी की सुविधा उपलब्ध है। अधिकारियों ने कहा कि 16 जेलों में कुल 10,026 कैदियों की क्षमता है लेकिन इनमें 19,500 कैदी रखे गए हैं। इन जेलों में ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले हत्या के आरोपी सुशील कुमार और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक जैसे लोग भी बंद हैं।