थाइलैंड और कंबोडिया (Thailand and Cambodia) के बीच पिछले कुछ दिनों से सीमा विवाद (Border dispute) को लेकर झड़प जारी है। अब इस विवाद पर भारत (India) की प्रतिक्रिया आई है। भारत (India) ने कहा है कि वह कंबोडिया और थाइलैंड के बीच सीमा पर उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और उम्मीद है कि दोनों देश तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने थाइलैंड और कंबोडिया के बीच घटनाक्रम पर मीडिया के सवालों के जवाब में शनिवार को कहा कि भारत के दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और दोनों देशों में भारतीय नागरिक किसी भी सहायता के लिए वहां स्थित संबंधित दूतावासों से संपर्क कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ”हम कंबोडिया और थाइलैंड के बीच सीमा पर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। भारत के दोनों देशों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष शत्रुता समाप्त करने और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाएंगे।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों में भारतीय यात्री किसी भी सहायता के लिए दोनों देशों में स्थित हमारे संबंधित दूतावासों से संपर्क कर सकते हैं। भारतीय नागरिक बैंकॉक, थाइलैंड में हेल्पलाइन नम्बर 66 61 881 9218 (व्हाट्सएप कॉल के लिए भी) पर और नोम पेन्ह, कंबोडिया में भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नम्बर 855 92 881 676 (व्हाट्सएप कॉल के लिए भी) पर संपर्क किया जा सकता है।
इससे पहले, थाइलैंड में भारतीय दूतावास ने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए शुक्रवार को एक परामर्श जारी करते हुए उनसे थाइलैंड-कंबोडिया सीमा पर जारी हिंसा के बीच सात प्रांतों की यात्रा करने से बचने की अपील की है। थाइलैंड और कंबोडिया की सीमा पर बृहस्पतिवार को शुरू हुई झड़पों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘थाइलैंड-कंबोडिया सीमा के पास की स्थिति को देखते हुए थाइलैंड आने वाले सभी भारतीय यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे ‘टीएटी न्यूजरूम’ समेत थाइलैंड के आधिकारिक सूत्रों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।’’
उसने थाइलैंड के पर्यटन प्राधिकरण के एक पोस्ट के हवाले से कहा कि जिन स्थानों का उल्लेख किया गया है, वहां यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। पर्यटन प्राधिकरण ने कहा कि उबोन रत्चथानी, सुरीन, सिसाकेट, बुरीराम, सा काओ, चन्थाबुरी और ट्राट प्रांतों में कई स्थलों की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।