बिहार में सियासी बहार की तारीख अब मुकर्रर हो चुकी है। तारीख मुकर्रर होते ही वे सभी किरदार भी अब अपनी अदाकारी दिखाने में मशगूल हो गएं हैं, जो पिछले कुछ दिनों से पर्दों के पीछे से संभवत: अपनी भूमिका की पटकथा लिखने में मशगूल थे। इसी फेहरिस्त में एक नाम आता है नीतीश के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह का.. आरसीपी प्रसाद सिंह पिछले काफी दिनों से निष्क्रिय हो गए थें। वे न तो किसी पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं से मुखातिब हो रहे थें और न ही किसी कार्यक्रम में शिरकत करना मुनासिब समझ रहे थें। हालांकि महामारी के इस दौर में एक-दो मर्तबा जरूर वर्चुअल बैठक में दिखें और समय-समय पर नीतीश कुमार के संपर्क में भी रहें, लेकिन उनकी पहली जैसी सक्रियता का पार्टी से यूं इस तरह से अलविदा कह देना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना.. जिसने कई तरह के सवाल भी खड़े किए।
लेकिन अब फिर हुए एक्टिव
उधर, बिहार चुनाव की तारीख मुकर्रर होते ही आरसीपी सिंह अब सक्रिय हो चुके हैं। वे कल शनिवार को पार्टी दफ्तर भी पहुंचें। तकरीबन दो-तीन घंटे तक नीतीश कुमार से मुलाकात की। कई मसलों को लेकर उनसे वार्ता की। वहीं, नीतीश के इतर पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी वे मुखातिब हुए। माना जा रहा है कि जदयू में टिकट वितरण सहित प्रत्याशियों के नामों के चयन में उनका अहम किरदार हो सकता है। उनके राजदार के रूप में ललन सिंह प्रमुख किरदार में नजर आ सकते हैं। बता दें कि आरसीपी सिंह जदयू में नंबर दो के नेता माने जाते हैं।
उठ गए थे सवाल
यहां पर हम आपको बताते चले कि आरसीपी सिंह पर उस पर समय पार्टी में सवाल खड़े हो गए थे, जब गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में लोगों की कम संख्या दिखी, तब उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए। इसके बाद वे पार्टी की हर सियासी गतिविधि से नदारद हो गए। जिसके चलते सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं होने लगीं। मगर इस बार जब बिहार में चुनाव की तारीख मुकर्रर हुई है तो वे फिर से एक्टिव हो चुके हैं। माना जा रहा है कि इस मर्तबा वे नीतीश के साथ मिलकर अपनी पार्टी को मजबूत करने की दिशा में अपना सबकुछ झोंक सकते हैं। याद दिला दे कि अभी बीते दिनों वे कोरोना की चपेट मे आ गए थे, लेकिन अब कोरोना को मात देने के बाद वे फिर से पार्टी में एक्टिव हो चुके हैं।