कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन को तेज करने की हर संभव कवायद जारी है। किसान नेता राकैश टिकैत ने शनिवार को देशभर के किसानों से ‘ट्रैक्टर क्रांति’ में शामिल होने का आह्वान किया। गाजीपुर प्रदर्शनस्थल पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने समर्थकों को संबोधित करने के दौरान किसान समुदाय से संपर्क साधने की कोशिश की, जिनमें से अधिकतर, खासकर दिल्ली-एनसीआर, के किसान 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर समेत डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के फैसले से खफा हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत (51) ने कहा, ‘जो ट्रैक्टर खेतों में चलते हैं, वे अब दिल्ली में एनजीटी के दफ्तर में भी चलेंगे। हाल तक, वे नहीं पूछते थे कि कौन सा वाहन 10 साल पुराना है। उनकी आखिर योजना क्या है? 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों को हटाना और कॉरपोरेट की मदद करना? लेकिन 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर चलेंगे और (केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ) आंदोलन भी मजबूत करेंगे। टिकैत ने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन में देश भर के अधिक से अधिक किसान भाग लेंगे।
हाल ही में दिल्ली में 20,000 ट्रैक्टर थे, अगला लक्ष्य इस संख्या को 40 लाख करना है। उन्होंने ट्रैक्टर मालिकों से अपने वाहनों को ‘ट्रैक्टर क्रांति’ से जोड़ने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा, ‘अपने ट्रैक्टर पर ‘ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी’ लिखिए। आप जहां भी जाएंगे, आपका सम्मान किया जाएगा।’ इससे पहले केंद्र के नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों के तीन घंटे के ‘चक्का जाम के आह्वान पर शनिवार को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई प्रमुख सड़कों को प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर-ट्रालियों से अवरूद्ध कर दिया। वहीं, अन्य राज्यों में भी छिटपुट प्रदर्शन हुए। संयुक्त किसान मोर्च (एसकेएम) ने दावा किया ‘चक्का जाम’ को देशव्यापी समर्थन मिला, जिसने एक बार फिर “साबित” कर दिया है कि देशभर के किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट हैं।