पिछले कुछ महीनों से चीन (China) और भारत (India) के बीच तनातनी जारी है। ऐसे में चीन अपनी चाल चलता जा रहा है और लाख बातचीत के बाद भी युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रहा है। हालांकि, भारत भी चीन के किसी भी साजिश को मुकम्मल तक नहीं पहुंचने देगा। इसके लिए भारत ने एक नई रणनीति तैयार की है और ये रणनीति गहरी दोस्ती पर निर्भर है। अब दो गहरे दोस्त चीन को मात देंगे। यानि कि जमीन और हवा का तालमेल चीन पर भारी पड़ सकता है।
LAC पर तैनात युद्धक हेलीकॉप्टर्स
दरअसल, सेना व वायुसेना के प्रमुखों की दोस्ती चीन और भारत के बीच युद्ध में अहम भूमिका निभाएगी। चीन को मात देने के लिए जमीन और हवा से सैन्य तालमेल के जरिये विजयश्री की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लेह में वायु सेना (Air force) के युद्धक हेलिकॉप्टरों को तैनात किया गया है और शीर्ष नेतृत्व से वायुसेना को निर्देश दिया गया है कि वे जमीनी स्तर पर लड़ रहे सेना की हर जरूरतों का ध्यान दें।
सेना-वायुसेना की दोस्ती चीन पर भारी
सेना और वायुसेना के बीच समन्वय का काम सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाणे और वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की गहरी दोस्ती करेगी। फिलहाल, पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनातनी के बीच वायुसेना के म-17, इल्यूशिन-76 और c-130J सुपर हरक्यूलिस को अग्रिम चौकियों पर मुस्तैद जवानों के लिए हथियार व राशन के साथ तैनात कर दिया गया है। बता दें कि नरवाणे और भदौरिया एनडीए के वक्त से अच्छे दोस्त हैं।
सेना-वायुसेना प्रमुख संग CDS की प्लानिंग
दोनों प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत के साथ मिलकर चीन को शिकस्त देने की तैयारियों पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं और साथ ही साथ फुल प्लानिंग बनाई जा रही है। सेना और वायुसेना के संयुक्त ऑपरेशन से चौकसी बढ़ा दी गई है। लेह से एलएसी की ओर जाने वाली सड़क पर चिनूक हेलिकॉप्टरों की नियमित गश्त है। इनके जरिये अग्रिम चौकियों पर मोर्चा ले रहे सैनिकों को रसद पहुंचाने का काम चल रहा है। पाकिस्तान और चीन पड़ोसी देशों को शिकस्त देने की तैयारियों में सेना लगी हुई है।