दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी कहे जाने वाले चीन की इन दिनों आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है. देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. एक बाद एक विदेशी कंपनियां चीन से अपना कारोबार समेट रही हैं. ऐसे में आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर रहा चीन और शी-जिनपिंग सरकार अपनी डूब रही इकोनॉमी में जांच फूंकने के लिए लगातार काम रहे हैं. लेकिन, बावजूद इसके यहां हालात बनने के बजाए बिगड़ते ही जा रहे हैं और शी-जिनपिंग अपनी सभी प्लानिंग में फेल होते नजर आ रहे हैं.
अब इसी बीच डूबती इकोनॉमी के दौर में चीन को एक और झटका लगा है. इसका कारण है अमेरिका से दुश्मनी…अमेरिका से दुश्मनी चीन को काफी भारी पड़ रही है. जिसका असर है कि विदेशी कंपनियों ने चीन ने अपना कारोबार समेटना शुरू कर दिया है. हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े सिंगल इन्वेस्टर सॉवरेन वेल्थ फंड को ऑपरेट करने वाले नॉर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट ने भी चीन से निकलने की तैयारी कर ली है और अपना पूरा कारोबार समेटना शुरू कर दिया है.
दुनिया के सबसे बड़े निवेशक ने छोड़ा साथ
चीन की डूबती इकोनॉमी और अमेरिका से दुश्मनी के चलते देश की हालात बद से बदतर होती जा रही है. कई विदेशी कंपनियों के देश से किनारा करने के बाद अब दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक सॉवरेन वेल्थ फंड को ऑपरेट करने वाले नॉर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट (NBIM) ने चीन को बॉयकॉट कर दिया है. NBIM ने चीन से अपना सारा कारोबार समेटने तैयारी कर ली है. जिससे चीन को बड़ा झटका लगा है.
जानकारी के मुताबिक, NBIM ने शंघाई में मौजूद अपने दफ्तर को पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया है. इस साल दिसंबर तक कंपनी सारा कारोबार चीन से समेत लेगी. चीन में इस कंपनी की धमक करीब 850 कंपनियों में है. वहीं, इस कंपनी की 42 अरब डॉलर की हिस्सेदारी है. NBIM नॉर्वे सरकार के 1.4 ट्रिलियन डॉलर के पेंशन फंड को मैनेज करती है जो स्टॉक मार्केट में दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल इन्वेस्टर है.
विदेशी कंपनियों के चीन छोड़ने की वजह
जैसा चीन का डोमिनेटिंग रवैया है और जिस तरह से चीनी सरकार दूसरों के कारोबार में दखल देती है, उससे विदेशी कंपनियां नाराज हैं. वहीं चीन की डूबती इकोनॉमी भी देश छोड़ने की वजह है. चीन का रियल स्टेट सेक्टर भारी संकट में है, जिसने कंपनियों की मुश्किलें और बढ़ा दी है. नॉर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट समेत कई बड़ी विदेशी कंपनियों ने चीन में कारोबार को बंद कर दिया है.
शेयर मार्केट की बात करे तो, निवेशक भी इकोनॉमी डूबने के चलते शेयर मार्केट से निकाल रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े पेंशन फंड्स में से एक ओंटारियों टीचर्स पेंशन प्लान ने हाल में हॉन्ग कॉन्ग में अपने चाइना इक्विटी इन्वेस्टमेंट को बंद कर दिया था. अमेरिकी टेक पर फोकस करने वाली रिसर्च एंड एडवाइजरी फर्म Forrester Research ने भी चीन में अपने एनालिस्ट्स की संख्या कम करने का प्लान बनाया है. बता दें, नेशनल सिक्योरिटी के नाम पर चीन कंपनियों में ताक-झांक कर रही है, जिसकी वजह से विदेशी कंपनियों का भरोसा चीन पर डगमगा गया है. जिसके चलते विदेशी कंपनियां चीन से अपना कारोबार बंद कर रही हैं और दूसरे देशों का रुख कर रही हैं.