कर्तव्य पथ पर बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी में सौर ऊर्जा से संचालित मोढेरा गांव, कच्छी कढ़ाई और परंपरागत भूंगा का प्रदर्शन किया गया। झांकी में गरबा परिधान पहले कलाकारों को प्रस्तुति देते देखा गया। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुजराती भाषा में संगीतबद्ध पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए एक गीत को झांकी में बजाया गया।
झांकी के अगले हिस्से में कच्छी परिधान पहने एक महिला की प्रतिकृति को दिखाया गया जिसके एक हाथ में सूर्य और दूसरे हाथ में कागज की बनी पवनचक्की का स्वरूप था। यह झांकी सौर और पवन ऊर्जा को प्रस्तुत कर रही थी। महिला के परिधान में परंपरागत कढ़ाई वाली ओढ़नी भी शामिल थी, वहीं झांकी के बीच में पवनचक्कियों और सौर ऊर्जा संचालित गांव के मॉडल थे।
अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार अपने सफेद रेगिस्तान, रंग-बिरंगे परिधानों और विशेष कलाकृतियों के लिए मशहूर कच्छ क्षेत्र को भविष्य में दुनिया के सबसे बड़े सौर और पवन ऊर्जा संचालित ‘मिश्रित अक्षय ऊर्जा पार्क’ के चलते नयी पहचान मिल सकती है। जी20 की पर्यटन से संबंधित पहली बैठक फरवरी माह में कच्छ के रण में हो सकती है।