पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) के एस्प्लेनेड इलाके में प्रदर्शन कर रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (Indian Secular Front-ISF) के सदस्यों की शनिवार को पुलिस के साथ जोरदार झड़प हुई। इसमें कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी (policemen and protesters clash) घायल हो गए। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एकमात्र आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी (ISF MLA Naushad Siddiqui) को हिरासत में ले लिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की ओर से दक्षिण 24 परगना जिले में आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर कथित हमले का विरोध कर रहे थे। प्रदर्शन के चलते जवाहरलाल नेहरू रोड क्रॉसिंग के आसपास यातायात प्रभावित हुआ।
पुलिस के सीनियर अधिकारी ने कहा कि आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने शहर के मध्य में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उनसे जवाहरलाल नेहरू रोड को खाली करने और यातायात की इजाजत देने की अपील की। हालांकि, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया और मांग की कि भांगर में उसके कार्यकर्ताओं पर हमले में शामिल अपराधियों को पहले गिरफ्तार किया जाए। मालूम हो कि ISF का गठन 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था।
पथराव में कई पुलिसकर्मी हुए घायल
जैसे ही पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे लगभग 500 की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी पीछे हट गए, लेकिन पास की गलियों से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के कियोस्क और रेलिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इलाके में आरएएफ और सशस्त्र पुलिसकर्मियों सहित बड़ी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
सड़क खाली कराने में पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सड़क को खाली कराया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, लेकिन कुछ देर तक पथराव की छिटपुट घटनाएं होती रहीं। दुकानों के शटर नीचे कर छिपे हुए राहगीर हाथ उठाकर बाहर निकले। वहीं, सिद्दीकी ने अपनी नजरबंदी से पहले भांगर में पुलिस की ‘निष्क्रियता’ और एस्प्लेनेड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर लोगों पर बलप्रयोग की निंदा की।
आखिर किस बात पर हो रहा हंगामा
एक दिन पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भांगर में आईएसएफ के पार्टी कार्यालयों में आग लगा दी थी। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि आईएसएफ ने पिछले कुछ दिनों से हथियारबंद लोगों को लाकर और उनके समर्थकों पर हमला करके क्षेत्र में माहौल बिगाड़ने का काम किया है। भाजपा के अलावा आईएसएफ एकमात्र विपक्षी पार्टी है, जिसने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती है। इसके सहयोगी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहे। उसी वर्ष फरवरी में हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के एक प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने पार्टी का गठन किया था।