केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे नई संपत्तियों की पहचान करें, ताकि तेजी से उनका मुद्रीकरण किया जा सके और मुद्रीकरण प्रक्रिया को पटरी पर लाया जा सके। मुद्रीकरण की रफ्तार इस वित्तीय वर्ष के बजट लक्ष्य से काफी कम है।
31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 1.6 लाख करोड़ के राजस्व प्राप्ति लक्ष्य के मुकाबले पहले सात महीनों में मुद्रीकरण से सरकार की आय केवल 33,443 करोड़ ही हो सकी है। केंद्र को अब उम्मीद है कि नई संपत्तियों की बिक्री से उसका राजस्व बजट अनुमान से ज्यादा 1.24 लाख करोड़ रुपये तक आ जाएगा।
मामले से जुड़े एक जानकार ने ईटी को बताया कि रेलवे,दूरसंचार और पेट्रोलियम समेत ऐसे कई मंत्रालय हैं जो लक्ष्य से काफी दूर हैं। उन्हें इस दिशा में गति तेज करने को कहा गया है। रेलवे को 30,000 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया है, जबकि उसका राजस्व अनुमान अभी तक 4,999 करोड़ रुपये के पास ही पहुंच सका है। दूरसंचार मंत्रालय को 20,180 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है जबकि केवल 4700 करोड़ रूपये की ही संपत्ति की बिक्री अभी प्रक्रियाधीन है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इस मंत्रालय के किसी भी संपत्ति के मुद्रीकरण की संभावना नहीं दिख रहा है।
इसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय को मुद्रीकरण से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 9,176 करोड़ रुपये का राजस्व का लक्ष्य दिया गया है लेकिन अभी तक यह 2000 करोड़ रुपये करीब ही पहुंच सका है। ऐसे मंत्रालय जो अपने टारगेट तक नहीं पहुंच सके हैं, उन्हें नई संपत्तियों की पहचान करने को कहा गया है। मामले से जुड़े जानकार ने ये भी बताया कि सरकार ने मंत्रालयों और विभागों को इस बावत एक दिशा-निर्देश भी भेजे जा रहे हैं। उनके मुताबिक यह कदम तब उठाया गया है, जब कई मंत्रालयों और विभागों ने पहले से चिह्नित कई संपत्तियों के मुद्रीकरण को रोक दिया है।