यूपी में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) को लेकर नेताओं के दलबदल का सिलसिला चालू है. इसी क्रम में रविवार यानी आज कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लग सकता है. आज कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह (RPN Singh) भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व केन्द्रीय मंत्री आज बीजेपी कार्यालय (BJP Office) में सुबह 10 बजे के आसपास भाजपा का दामन थाम लेंगे. उनकी कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
कौन हैं आरपीएन सिंह?
बेहद सौम्य राजनेता माने जाने वाले आरपीएन का जन्म पड़रौना राजपरिवार में 25 अप्रैल 1964 में हुआ. पड़रौना उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों की सीमा पर स्थित एक कस्बा है, जिसे अब देवरिया जिले से अलग कर कुशीनगर नाम से अलग जिला बना दिया गया. वह कांग्रेस के चहेते नेताओं में से एक माने जाते हैं. उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव 1996 में लड़ा था लेकिन बीजेपी के रामनगीना मिश्रा से उन्हें हार मिली थी. वह कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रहे हैं. जब 2009 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता तब वह मनमोहन सरकार (Manmohan government) में उन्हें मंत्री बनाया गया था. वह पेट्रोलियम, राजमार्ग और भूतल परिवहन मंत्री भी रहे हैं. उन्हें कांग्रेस ने झारखंड का प्रदेश प्रभारी भी बनाया.
कैसा है सियासी सफर?
कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह पडरौना से 3 बार कांग्रेस विधायक रहे हैं. RPN सिंह 1996, 2002 और 2007 में कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. 2009 में वह लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. यूपीए सरकार (UPA Government) में उन्होंने गृह राज्यमंत्री का पद भी संभाला. वह कई बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं लेकिन उन्हें केवल एक बार ही जीत मिली है.
किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं आरपीएन सिंह
इंदिरा गांधी आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह को राजनीति में लेकर आई थीं. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में ताकतवर मंत्री माने जाते थे. आरपीएन खुद किसान परिवार हैं. पड़रौना और सीपीएन सिंह का महत्त्व इस तरह समझा जा सकता है कि इमरजेंसी में चुनाव में हार के बाद इंदिरा गांधी ने 1980 के लोकसभा चुनाव का प्रचार पड़रौना से शुरू किया. उस जनसभा का आयोजन आरपीएन के पिता सीपीएम ने कराया था.