उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में नौ साल पहले मुजफ्फरनगर दंगे की वजह बने कवाल कांड़ में मारे गए गौरव मलिक की मां सुरेश देवी ने खतौली उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर दिया है। उन्होंने कहा कि परिवार भाईचारा बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगा।
जानसठ क्षेत्र के कवाल गांव के मजरे मलिकपुरा और हाल में शहर के शहर के दक्षिणी सिविल लाइन में रह रहे गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने पिछले शुक्रवार को खतौली उप चुनाव के लिए नामांकन फार्म खरीदा था। गुरुवार को गौरव की मां सुरेश देवी ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
दंगा पीडि़त रविंद्र मलिक मूल रूप से बुढ़ाना क्षेत्र के कबीरपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कई साल पहले कवाल गांव के मजरे मलिकपुरा में जमीन खरीदी थी और परिवार के साथ यहीं बस गए।
27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में उनके बेटे गौरव मलिक और उसके ममेरे भाई सचिन की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद मुजफ्फरनगर दंगा भडक़ गया था। दंगे के बाद रविंद्र का परिवार शहर के दक्षिणी सिविल लाइन में रह रहा है।
मलिकपुरा निवासी ममेरे और फुफुरे भाई सचिन और गौरव का कवाल में 27 अगस्त 2013 को शाहनवाज से झगड़ा हुआ था। दोनों शाहनवाज पर हमला कर भाग रहे थे, इस दौरान उन्हें तिराहे पर भीड़ ने घेर लिया और धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी थी। बाद में शाहनवाज की मौत भी हो गई थी। सचिन और गौरव की हत्या के मामले में आरोपियों को सजा हो चुकी है, जबकि शाहनवाज की हत्या का मामला अदालत में विचाराधीन है और 23 नवंबर को सुनवाई होनी है।