राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में निकाली गई पश्चिम बंगाल की झांकी में दुर्गा पूजा की समृद्ध विरासत की झलक देखने को मिली। कर्तव्य पथ पर निकाली गई इस झांकी में लाल रंग के बॉडर वाली सफेद की रंग की साड़ी पहने महिलाओं, ‘ढाक’ और ‘धुनुची’ ने लोगों का ध्यान खींचा तथा इसमें प्रदेश की कला और संस्कृति को भी खूबसूरती के साथ दर्शाया गया।
पश्चिम बंगाल की झांकी में वही पारंपरिक पंडाल देखने को मिला जो हर साल दुर्गा पूजा में बनाया जाता है। दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है। कोलकाता का दुर्गापूजा उत्सव यूनेस्को की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची’ में शामिल है। झांकी में कई कलाकार ‘ढाक’ बजाते हुए और कुछ ‘धुनुची’ को घुमाते हुए दिखे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
इस झांकी की तैयारी के दौरान एक अधिकारी ने बताया था, ‘‘झांकी में देवी दुर्गा की पारंपरिक प्रतिमा होगी, जिसके साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिकेय तथा गणेश की प्रतिमाएं भी होंगी। देवी दुर्गा महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।’’
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर होने वाली पारंपरिक परेड में इस साल कुल 23 झांकियां शामिल हुईं जिनमें से 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से थीं जबकि बाकी अन्य मंत्रालयों और विभागों से हैं। सभी झांकियों ने देश की जीवंत और विविधता भरी संस्कृति को दिखाया। इनमें से ज्यादातर की थीम ‘नारीशक्ति’ है।