जामा मस्जिद आगरा एक बार फिर चर्चा में है. सोमवार को प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आगरा की जामा मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों के दबे होने का दावा किया है. उन्होंने इस लड़ाई को कानूनी रूप देने की तैयारी कर ली है. अब इस मामले में वह एक कमेटी बनाकर वाद दायर करेंगे. इसके लिए उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री उनके साथ हैं.प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आगरा में एक प्रेसवार्ता की. इसमें उन्होंने कहा कि पूर्व में हमारे देश में आए मुगल आक्रांताओं ने सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को नुकसान पहुंचाया था. सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को अपमानित किया था. जब मुगल सल्तनत की कमान आक्रांता औरंगजेब के हाथ आई तो उसने सन 1670 में मथुरा में हिंदू जनमानस के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्राचीन ठाकुर केशवदेव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवाई थी.
प्रख्यात कथावाचक ने कहा कि आक्रांता औरंगजेब ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि के केशवदेव मंदिर में मूर्तियां आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दी थी. यह जामा मस्जिद शाहजहां की बेटी और औरंगजेब की बहन जहांआरा बेगम ने बनवाई थी. औरंगजेब ने सनातन धर्म और हिंदुओं को अपमानित करने के लिए यह काम किया था. जिसे मुस्लिम लोग इन सीढ़ियों पर चढ़कर जब मस्जिद में जाएं तो हमारे अराध्य भगवान की पवित्र मूर्तियों पैरों के नीचे रहें. यही वजह है कि आज भी हमारे आराध्य की मूर्तियां वहां पर दबी हैं. जो हर दिन पैरों से रौंदी जा रही हैं.कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि जब मैं बीते अप्रैल माह में आगरा में कथा कहने आया था. उस समय उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि, वे भाईचारा निभाएं. जामा मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाएं. वहां से भगवान केशव देव की मूर्तियों निकाल कर हिंदू समाज को सौंपें. जिससे मथुरा में उनकी सेवा और पूजा की जा सके. लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. जो समय दिया गया था. उसकी समय सीमा भी पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी तक मुस्लिम समाज की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है.
कथावाचक देवकीनंदन ने कहा कि जामा मस्जिद की सीढ़ियाों की खुदाई में आने वाला खर्चा वह देंगे. अब मजबूरन उन्हें संविधान का सहारा लेना पड़ा है. उन्होंने इस लड़ाई के लिए उनके सरंक्षण में श्रीकृष्ण जन्मभूमि सुरक्षा सेवा ट्रस्ट का गठन किया गया है. जो इसकी निर्णायक कानूनी लड़ाई लड़ेगी. इस सम्बंध में श्रीकृष्ण जन्मभूमि सुरक्षा सेवा ट्रस्ट की ओर से 11 मई 2023 को न्यायालय सिविल जज (प्रवर खंड), आगरा के समय बाद संख्या 518 / 23 डाला गया था. इस वाद के मामले में माननीय न्यायालय से आगरा स्थित जामा मस्जिद की सीढ़ियाों में दबी भगवान केशवदेव के विग्रहों को वापस दिलवाने की प्रार्थना की है.