ऑस्ट्रेलिया की एक हेल्थकेयर कंपनी पर साइबर अटैक हुआ है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस सहित 97 लाख लोगों की प्राइवेट जानकारी को चोरी करके पब्लिक कर दिया है. ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (AFP) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि इस अपराध को अंजाम देने का काम रूसी हैकर्स ने किया है. ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमाकर्ता ‘मेडिबैंक’ ने 80 करोड़ रुपये की फिरौती देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद हैकर्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में हेल्थकेयर कंपनी का प्राइवेट डेटा लीक करना शुरू कर दिया. ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस आयुक्त रीस केरशॉ ने इस साइबर अटैक के लिए रूसी साइबर क्रिमिनल को जिम्मेदार ठहराया है.
केरशॉ ने कहा कि हम जानते हैं कि यह अपराध रूसी बेस्ड हैकर्स ने किया है. हमारी खुफिया तफ्तीश साइबर क्रिमिनल्स के एक ग्रुप की ओर इशारा करती है, जो दुनिया भर में कई जगहों पर इस अपराध को अंजाम दे चुकी है. हैकर्स चोरी किए गए डेटा को एक डार्क वेब फोरम में फीड कर रहे हैं. इन डेटा में नशीली दवाओं की लत, शराब के दुरुपयोग और यौन संचारित संक्रमणों से संबंधित कई जरूरी रिकॉर्ड हैं. केरशॉ ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस रूस में अपने समकक्षों से इस मामले में मदद मांगेगी. उन्होंने कहा कि हैकर्स को रूस से बाहर रहने वाले लोगों का भी समर्थन मिलता है. ये साइबर अपराधी अपने सहयोगियों के साथ एक बिजनेस चलाते हैं, जिसमें ये जरूरी डेटा की चोरी करते हैं.
यूक्रेन को मदद देने की सजा!
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस इंटरपोल के साथ काम करेगी और रूस में अपने समकक्षों से इस मसले पर मदद मांगेगी. केरशॉ ने कहा कि हम इन हैकर्स का पता लगाने के लिए रूसी कानून प्रवर्तन के साथ बातचीत करेंगे. पिछले कुछ समय में ऑस्ट्रेलिया ने कई बार रूस-यूक्रेन वॉर की निंदा की है और कीव को लाखों डॉलर की मदद के साथ-साथ कई सैन्य उपकरणों प्रदान किए हैं. इस साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया की विदेशी खुफिया एजेंसी ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन का समर्थन करने की वजह से देश को रूसी हैकरों के प्रतिशोध का सामना करना पड़ सकता है.
साइबर ऑपरेशन की धमकी
ऑस्ट्रेलियाई सिग्नल डायरेक्टोरेट ने एक एडवाइजरी नोट में कहा कि रूसी बेस्ड साइबर क्रिमिनल ग्रुप्स ने रूसी सरकार के खिलाफ साइबर अटैक के जवाब में साइबर ऑपरेशन की धमकी दी है. कुछ समूहों ने तो यूक्रेन को मदद पहुंचाने वाले देशों और संगठनों को भी साइबर अटैक की धमकी दी है. केरशॉ ने कहा कि पुलिस को हैकर्स की पहचान भी मालूम है, लेकिन उन्होंने उनका नाम लेने से इनकार कर दिया है. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ थॉमस हैन्स ने कहा कि हैकर्स को ट्रैक करना पुलिस के लिए सबसे आसान काम था. केरशॉ ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस हैकर्स को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सीक्रेट प्लानिंग कर रही है.