सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान को बड़ा झटका लगा है. जौहर ट्रस्ट की 1400 बीघा जमीन सरकार के नाम दर्ज हो गई है. 16 जनवरी को एडीएम प्रशासन जेपी गुप्ता की कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में जौहर ट्रस्ट ने यह जमीन कुछ शर्तों के साथ खरीदी थी, जिस पर आज जौहर यूनिवर्सिटी बनी है. आरोप है कि जमीन खरीदने के बाद शर्तों का पालन नहीं किया गया. शर्तों के उल्लंघन की शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने की थी.
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम सदर ने जांच करवाई तो शिकायत सही पाई गई थी. शिकायत सही पाए जाने के वाद एडीएम प्रशासन की कोर्ट में मुकदमा चला और 16 जनवरी को कोर्ट ने ज़मीन को सरकार को वापस करने का आदेश दिया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम सदर प्रवीण कुमार ने 1400 बीघा जमीन तहसील के अभिलेखों में जौहर ट्रस्ट से काटकर सरकार के नाम दर्ज करवा दी है.
यूनिवर्सिटी को टेक ओवर करने की मांग
इस मामले मे शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने बताया हमने एक वर्ष पहले इस बात की शिकायत की थी. आजम खान की यूनिवर्सिटी में 170 एकड़ जमीन जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिन शर्तों पर दी गई थी, उनमें से किसी को भी पूरा नहीं किया गया है. आजम खान द्वारा किसी भी शर्त का पालन नहीं किया गया. जांच रिपोर्ट के अनुसार, जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है, लेकिन लेकिन पिछले दस सालों में चैरिटी का कोई कार्य न होने की बात भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि मेरी मांग है, क्योंकि एक बहुत बड़ा हिस्सा यूनिवर्सिटी का सरकार द्वारा निहित किया जा रहा है. ऐसे में अब यूनिवर्सिटी को टेकओवर कर लेना चाहिए.