स्वीडन (Sweden) में ईद (Eid ) के मौके पर कुरान जलाए (quran burning) जाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कई इस्लामिक देशों (Islamic countries) ने इसकी आलोचना की है. ऐसे में अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने भी कुरान जलाए जाने पर घोर आपत्ति जाहिर की है। दागिस्तान दौरे पर पहुंचे पुतिन का कहना है कि कुछ देशों मे कुरान की बेअदबी को अपराध के तौर पर नहीं देखा जाता लेकिन रूस में यह दंडनीय अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रूस के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र दागिस्तान पहुंचे पुतिन ने बुधवार को कहा कि मुस्लिमों के लिए कुरान बहुत पवित्र है। हम जानते हैं कि अन्य देशों में प्रदर्शनकारी अलग तरह से बर्ताव करते हैं। वे लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं करते और कहते हैं कि किसी धर्म की मान्यताओं पर हमला करना अपराध नहीं है।
पुतिन ने कहा कि जानबूझकर किसी धर्म की मान्यताओं का मखौल उड़ाना और धार्मिक भावनाओं को आहत करना रूस की आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 282 के तहत आता है, जो नफरत का बढ़ावा देना है।
दागिस्तान की मस्जिद भी गए पुतिन
पुतिन ने दागिस्तान की जुमा मस्जिद का भी दौरा किया. यह मस्जिद दर्बेंट में है. उन्हें इस दौरान कुरान भी भेंट में दी गई. दर्बेंट संग्रहालय संरक्षक के निदेशक वेली फैटालियेव ने कहा कि हमने हमारे राष्ट्रपति को पवित्र कुरान दी है।
दागिस्तान में पुतिन को भेंट की गई कुरान
बता दें कि जुमा मस्जिद रूस की सबसे प्राचीन और दुनिया की सबसे पुरानी मस्जिद है. अरब के सैन्य शासक मसलामा इब्न अब्द अल मलिक ने 733-734 ईस्वी में इस मस्जिद का निर्माण कराया था।
कुरान जलाए जाने पर भड़के इस्लामिक देश
स्वीडन में विरोधस्वरूप कुरान जलाए जाने की घटना पर इस्लामिक देशों न आपत्ति जाहिर की है. इराक, ईरान, तुर्की, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात इसका विरोध कर रहे हैं।
इराक ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने को मंजूरी देने वाले फैसले की निंदा की है. इराक के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से दुनियाभर के मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई हैं और यह एक तरह से उकसावे वाला कदम है।
इराक के शिया मौलवी मौकतदा सद्र ने बगदाद में स्वीडन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है और राजदूत को हटाने की मांग की है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि ईरान की सरकार और लोग कुरान के इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
सऊदी अरब ने भी कुरान जलाए जाने की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के घृणित कृत्य का कोई जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता।
अरब जगत के सबसे अधिक आबादी वाले देश मिस्र ने भी स्वीडन में कुरान जलाए जाने को मुस्लिमों की भावनाएं भड़काने वाला घृणित अपराध बताया. अरब लीग ने इस इस्लामि मूल्यों पर हमला बताया।
वहीं, कुवैत ने कुरान जलाने वाले शख्स को जल्द से जल्द दंडित करने की मांग करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम के मूल्यों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
मोरक्को और खाड़ी सहयोग परिषद के छह सदस्य देशों ने भी कुरान जलाए जाने पर आपत्ति जताए हुए स्वीडन के राजदूत को तलब किया है।