दुनिया के बीचों-बीच जारी जंग युद्ध के मैदान से निकलकर स्कूलों और अस्पतालों पर हमले तक पहुंच गई है। बीते कुछ घंटों में अजरबैजान और तुर्की ने मिलकर युद्ध का सबसे बड़ा अपराध कर दिया, लेकिन अब अजरबैजान बुरी तरह डरा हुआ है। उसे डर है कि बदले की आग में झुलर रहे आर्मीनिया ने अगर उसके एनर्जी एक्सप्रेस-वे पर बमबारी कर दी तो तुर्की से लेकर यूरोप तक ऐसी आग लगेगी, जो बुझाए नहीं बुझेगी। इस तबाही में अजरबैजान बर्बाद हो जाएगा।
नागोरनो-काराबाख की पहाड़ियों पर टैंकों के धमाकों के साथ शुरू हुआ युद्ध बड़े-बड़े शहरों की तबाही तक पहुंच गया। बाजारों पर बम दागे गए, फिर चर्चें गिराई गईं, किंडरगार्डेन स्कूलों पर मिसाइलों से हमला हुआ और फिर मरीजों से भरे अस्पतालों पर भी बारूद बरसने लगा।
अस्पताल पर अजरबैजान का हमला
नागोरनो-काराबाख के सिविल अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों को टारगेट करके बॉम्बिंग की गई। अजरबैजान ने मरीजों और डॉक्टरों से भरे अस्पताल को कबाड़ में बदल दिया। अस्पताल पर अटैक की ये करतूत युद्ध को लेकर बनाए गए हर नियम और हर कंवेन्शन पर हमला है, लेकिन अब अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच की जंग में कोई नियम बाकी भी नहीं रह गया है। बीते 18 दिन से हर रोज आर्मीनिया और अजरबैजान के सैनिकों की टारगेट किलिंग के वीडियो सामने आ रहे हैं। युद्ध में आतंकियों तक को शामिल कर लिया गया।
नागोर्नो-करबख की स्वघोषित सरकार और आर्मीनिया अजरबैजान पर उनके एक सरकारी अस्पताल पर दनादन बम दागने का आरोप लगाया है। इस अस्पताल में आम मरीजों के साथ साथ युद्ध में घायल सैनिकों का भी इलाज किया जा रहा था, लेकिन अजरबैजान-तुर्की की सेना और सीरिया-लीबिया-पाकिस्तानी आतंकियों को इस इलाके में कोई भी जिंदा इंसान कबूल नहीं है। दुनिया की नजर में ये सबसे जघन्य ‘युद्ध अपराध’ है, लेकिन आतंकियों की नजर में ये सिर्फ बदला है। हालांकि अजरबैजान की सेना ने अर्मेनियाई दावे को खारिज कर दिया है।
अजरबैजान का डर और आर्मीनिया को बड़ी धमकी
युद्ध के मैदान से शहर के बाजार, चर्च और अस्पतालों के बाद अब निशाने पर तेल के कुंए और पाइप लाइन हैं। वो पाइपलाइन जो पूरे यूरोप को कच्चा तेल सप्लाई करती हैं। अगर तेल की इन पाइपलाइनों में आग लग गई तो कयामत आ जाएगी। यूरोप तक तबाही मच जाएगी, लेकिन जंग में तो कुछ भी हो सकता है।
अजरबैजान को अब इसी बात का डर है। आर्मीनिया ने अगर तेल की पाइप लाइन को टारगेट करके मिसाइलें दाग दीं तो तुर्की भी तबाह हो जाएगा और अजरबैजान भी। यह पाइप लाइन अजरबैजान की राजधानी बाकू से शुरू होती है और तुर्की से लेकर यूरोप के अलग-अलग देशों तक यहां से कच्चे तेल की सप्लाई होती है। सबसे बड़ा टारगेट वो पाइपलाइन है, जो बाकू से शुरू होकर जॉर्जिया के तिबलिस और फिर सूप्सा तक पहुंचती है। ये पाइप लाइन आगे समुद्र के रास्ते यूरोप के कई देशों तक जाती है। तेल की ये पाइप लाइन इतनी बड़ी है कि इसे एनर्जी एक्सप्रेसवे कहा जाता है। बाकू तिब्लिसी सेवन ऑयल पाइपलाइन और बाकू सूप्सा ऑयल पाइपलाइन के अलावा साउथ काकेशस गैस पाइपलाइन पर अजरबैजान की पूरी की पूरी इकॉनोमिक्स टिकी है। अगर इन पाइप लाइनों पर हमला हो गया तो समझिये अजरबैजान की कमर तो टूटेगी ही, तुर्की और कई यूरोपीय देश भी तबाह हो जाएंगे।
अजरबैजान को लगता है कि अब आर्मीनिया का अगला टारगेट अजरबैजान के कैस्पियन सागर से कच्चे तेल को तुर्की और पश्चिमी बाजारों में ले जाने वाली पाइप लाइनें ही हैं। इसीलिए अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आर्मोनिया को उसकी गैस, ऑयल पाइप लाइन को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में भारी कीमत चुकाने की धमकी दी है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति की धमकी
अगर आर्मीनिया हमारी गैस पाइपलाइनों पर हमले की किसी तरह की अपनी गंदी योजना को अंजाम देने की कोशिश करता है तो जबाव में उसे बेहद गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साथ ही जब तक हमारे करीबी तुर्की को बातचीत की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया ,जाता किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है।
अजरबैजान के इस बयान से साफ जाहिर है कि वो इस जंग के बीच समझौते के लिए तुर्की को शामिल कराए बिना अपने हमले रोकेगा नहीं। तुर्की तेल को लेकर पूरी तरह आर्मीनिया पर निर्भर है। इसलिए तेल पाइप लाइन पर अटैक का डर तुर्की के तानाशाह एर्दोगान को भी खाए जा रहा है। आर्मीनिया के गांजा शहर को आर्मीनियाई हमले ने बुरी तरह बर्बाद कर दिया। गांजा शहर के पास से ही एनर्जी का हाईवे गुजरता है और हर पाइपलाइन आर्मीनिया के रॉकेट और मिसाइलों की जद में है।
तुर्की चाहता है कि इन पाइप लाइनों के आस-पास भी कहीं आर्मीनिया का मजबूत स्थिति न हो। लेकिन ये सभी पाइपलाइन नागोरनो-काराबाख के एकदम नजदीक हैं। तुर्की तक पहुंचने वाली एक नैचुरल गैस और ऑइल की पाइपलाइन को बचाने के लिए एर्दोगान लगातार अजरबैजान को भड़का रहे हैं।
अपनी तेल पाइप लाइन पर हमले के डर के बाद अजरबैजान ने आर्मीनिया पर अटैक और तेज कर दिया है। अजरबैजान ने काराबाख इलाक़े में आर्मेनियाई सेना के ठिकानों पर जबर्दस्त बमबारी की है। अजरबैजान की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने ऐलान किया है कि उसने आर्मीनिया के दो मिसाइल लॉन्च ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है। उधर, इंतकाम की आग में जलते आर्मीनिया ने कहा है कि अब वो जवाबी कार्रवाई के तहत अज़रबैजान के किसी भी इलाक़े को टारगेट कर सकता है।
आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनियन की अजरबैजान को धमकी
हमारी सरकार चाहती थी कि इस मसले का शांतिपूर्वक समाधान खोजा जाए, लेकिन बातचीत के बाद भी अजरबैजान ने इसे सिरे से नकार दिया। अब हम आखिरी सांस तक नागोर्नो-काराबाख के लिए लड़ेंगे।
आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनियन के इरादे साफ हैं। अजरबैजान ने भी अपना मंसूबा बता दिया है और तुर्की के एर्दोगान लगातार आग में घी डाल ही रहे है, लेकिन पूरा यूरोप दुआ कर रहा है कि ये आग कहीं तेल के कुंओं और पाइप लाइन तक न पहुंच जाए।