कभी कभी तो शरीर का वो हिस्सा कुछ देर के लिए सुन हो जाता है। ऐसे में अब हर उस इंसान के दिमाग में ये सवाल उठता है कि आखिर बिना किसी इलेक्ट्रिक सामान को छुए हमें करंट कैसे लग सकता है।अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो आज हम आपको इस तरह अचानक बिजली का झटका लगने के पीछे का वैज्ञानिक कारण बताने जा रहे हैं।
इसलिए लगता है करंट
आपको बता दें कि इस दुनिया में हर चीज एटम्स की बनी हुई है। जिसके कारण सभी में इलेक्टॉन, प्रोटोन्स और न्यूटॉन्स होते हैं। ज्यादतर वक्त हमारे शरीर में इलेक्टॉन और प्रोट्रोन्स बराबर रहते हैं लेकिन कभी भी ये डिस्बेलेंस्ड हो जाते हैं और इनकी संख्या में ज्यादा हो जाती है। ऐसे में इलेक्ट्रॉन्स में काफी हलचल पैदा हो जाती है और नियम के अनुसार इलेक्ट्रॉन की संख्या जिनती अधिक होगी उतना ही ये निगेटिव चार्ज ज्यादा बनाएंगे। इलेक्टॉन्स के इस प्रवाह के कारण शरीर में करंट लगता है।
कभी कभी दूरी से लग सकता है करंट
जब हमारे शरीर में इलेक्टॉन्स का प्रवाह डिसबैलेंस होता है तो उस वक्त हम जिस भी वस्तु को छूते हैं उसको टच करते ही हमारे शरीर से निगेटिव इलेक्टॉन्स बाहर निकल जाते हैं क्योंकि उस वस्तु में पॉजिटिव इलेक्टॉन्स होते हैं। उस वक्त दोनों के मिलने से हमे करंट लगता है।कभी कभी हम किसी चीज को छूते नहीं है लेकिन उसके नजदीक होते हैं उस वक्त भी कुछ इंच की दूरी पर हमें करंट लग जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस वक्त हमारे शरीर में इलेक्टॉन्स की संख्या काफी अधिक होती है।