चले गएं भारत के रत्न..चले गएं राजनीति के धुरधंर..हमारे नजरों का नजराना बनकर हमेशा-हमेशा के लिए ओझल हो गएं वे शख्स, जिसे कहते थे लोग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार रात दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उपचाराधीन रहने के दौरान निधन हो गया था। विगत दिनों वे कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इतना ही नहीं, उनके मस्तिक में खून का थक्का भी जम गया था, जिसके बाद उनकी सर्जरी भी की गई थी। गत मंगलवार को उनके निधन की जानकारी उनके बेटे अभजीत बनर्जी ने खुद ट्वीट करके दी थी। उधर, संपूर्ण देश में उनके निधन पर 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 2:30 दिल्ली के लोधी शमशान घाट पर किया जाएगा।
वहींं, पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है। वह एक स्टेट्समैन थे। जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है। पीएम मोदी के इतर कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। उधर, बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर एक दिन राज्य शोक दिवस की घोषणा की है। इस दिन राज्य के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। सभी संस्थान बंद रहेंगे।
बता दें कि राष्ट्रपति के निधन से समस्त देश में शोक की लहर है। सियासी सूरमा हो या फिर आम जनता सभी पूर्व राष्ट्रपति को भावभीन श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहे हैं। राष्ट्रपति को महामहिम कहे जाने की रीति से ऐतराज करने वाले प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे। उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है। उनके सियासी कद का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे कांग्रेस पार्टी में रहते हुए रक्षा वित्त और वाणिज्य मंत्रालय तक का प्रभार संभाल चुके हैं।