प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) सात दिसंबर यानी कि आज गोरखपुर एम्स, फर्टिलाइजर कारखाने (fertilizer plant) और आईसीएमआर के जांच केंद्र समेत करीब 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Aditya Nath) से गोरखपुर (Gorakhpur) में मीडियाा से बातचीत में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सपना बन चुकी इन तीन बड़ी परियोजनाओं फर्टिलाइजर कारखाने, गोरखपुर एम्स और आईसीएमआर के जांच केंद्र का आगामी सात दिसंबर को उद्घाटन करेंगे.
पीएम बनने से पहले किया वादा आज होगा पूरा
पीएम मोदी जिन परियोजनाओं को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे उनमें गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री (Gorakhpur Fertilizer Factory) भी शामिल है, जिसकी आधारशिला उन्होंने खुद जुलाई 2016 में रखी थी. प्रधानमंत्री बनने से पहले जनवरी 2014 में पीएम मोदी ने गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री को फिर से खोलने का वादा किया था. कल वो फिर से खुलने जा रहा है और पीएम का एक और वादा पूरा हो रहा है.
पिछले 30 सालों से बंद पड़े इस कारखाने को 8600 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्जीवित किया गया है. उर्वरक निगम लिमिटेड (एफसीआईएल) की गोरखपुर यूनिट की स्थापना 1969 में नेफ्था के साथ फीडस्टॉक के रूप में यूरिया उत्पादन के लिए की गई थी. परिचालन की तकनीकी और वित्तीय गैर-व्यवहार्यता, विशेष रूप से नेफ्था की उच्च लागत से उपजे एफसीआईएल के लगातार नुकसान के कारण जून 1990 में प्लांट को बंद कर दिया गया था.
1990 में बंद हो चुका खाद कारखाना फिर खुलेगा
उन्होंने कहा, ‘गोरखपुर में वर्ष 1990 में फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का एक खाद कारखाना था, जो बंद हो गया था. उसके बाद आई सरकारों ने इसे फिर से खोलने पर ध्यान नहीं दिया जिसके परिणाम स्वरुप क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ सामान्य नागरिकों के जीवन पर भी बुरा असर पड़ा. इसे पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में खाद कारखाने का शिलान्यास किया और समय सीमा के अंदर यह कारखाना बनकर तैयार है.’
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि हिंदुस्तान उर्वरक के नाम से करीब 600 एकड़ क्षेत्रफल में बने इस कारखाने को मोदी सात दिसंबर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसमें 12 लाख मैट्रिक टन से अधिक यूरिया का उत्पादन किया जाएगा. इससे क्षेत्र के किसानों को तो लाभ होगा, साथ ही साथ रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी.
‘नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी’ और एम्स की भी मिलेगी सौगात
योगी ने कहा कि इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी 112 एकड़ क्षेत्र में बने एम्स का भी उद्घाटन करेंगे. वर्ष 2016 में मोदी ने इसका शिलान्यास किया था, यह एम्स कभी बाढ़ और बीमारी के लिए पहचाने जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा की नई रोशनी पैदा करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी’ पुणे की तर्ज पर आईसीएमआर का एक क्षेत्रीय केन्द्र भी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बनकर तैयार हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को इसका भी उद्घाटन करेंगे.
सीएम योगी ने बताया कि इस केंद्र का शिलान्यास वर्ष 2018 में हुआ था. यह न सिर्फ इंसेफलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया और डेंगू बल्कि कोविड-19 जैसी महामारी से जुड़े वायरस की भी पहचान करने के साथ-साथ उनके उपचार के लिए अनुसंधान को आगे बढ़ाने इत्यादि का काम भी करेगा.