र्मेनिया और अजरबैजान (armenia azerbaijan war) में लड़ाई तेज हो गई है। दोनों देशों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के बयान के बाद से गोलाबारी तेज कर दी है। इमैनुएल ने कहा था कि जिहादी आतंकवादी नागर्नो कराबाख (Nagorno-Karabakh) में तैनात थे। पश्चिम और मॉस्को ने विवादित नागोर्नो काराबाख क्षेत्र में लड़ाई को रोकने के लिए नए सिरे से कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। गुरुवार को एक संयुक्त अपील में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मैक्रोन ने दोनों पक्षों से क्षेत्रीय विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करने की अपील की है। भारत की ओर से भी बातचीत करने की अपील की है।
हालांकि अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलस पशिनियन और अज़रबैजान नेता इल्हाम अलीयेव ने वार्ता के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है। रूस ने कहा है कि वह तुर्की के साथ बातचीत की ओर बढ़ रहा है, जो संघर्ष में अज़रबैजान का समर्थन कर रहा है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और तुर्की के समकक्ष मेव्लट कैवुसोग्लू ने पुष्टि की है कि वे स्थिति में सुधार के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर, अर्मीनिया के काराबाख के एक छोटे से शहर, मार्टिनी में अजरबैजान द्वारा की गई भारी गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और 11 घायल हो गए। बताया जा रहा है कि अजरबैजान में अर्मीनिया की ओर से भारी गोलीबारी की जा रही है। ये गोले लोगों के घरों को निशाना बना रहे हैं। वहीं, अजरबैजान ने आरोप लगाया कि अर्मीनिया की सेना ने टेर्टर शहर में आम नागरिकों पर गोले बरसाए और एक ट्रेन स्टेशन को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है।
54 वर्षीय बुजुर्गों में से एक अपने घर के तहखाने में छिपा हुआ है। एल्डर अराक अयलान ने कहा कि कभी भी ऐसी बुरी स्थिति नहीं देखी। अयलान ने कहा, ‘मैंने इस घर को अपने हाथों से बनाया है, मैं कहीं नहीं जाऊंगा, भले ही मेरी जान चली जाए’। अजरबैजान काराबाख के पास अर्मेनिया के अंदर दो गांवों में ओपन फायर कर रहा है।
अर्मेनियाई उप प्रधानमंत्री तिग्रान अविनयन ने कहा है कि रविवार से 1,280 अज़रबैजान सैनिक मारे गए हैं और 2,700 घायल हुए हैं। अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी ओर से अर्मेनियाई सैनिकों पर ‘क्रश आर्टिलरी स्ट्राइक’ की गई। साथ ही एक हेलीकॉप्टर को उड़ाने का दावा किया। वहीं अजरबैजान ने दावा किया कि उसने अर्मीनिया के 2300 सैनिक मार गिराए हैं।
इसलिए छिड़ा है दोनों देशों के बीच युद्ध
यह युद्ध नागोर्नो-करबख नामक एक पहाड़ी क्षेत्र पर चल रहा है। अजरबैजान का दावा है कि यह क्षेत्र उसका है, जबकि आर्मेनिया इस पर अपना अधिकार जमाता है। हालांकि 1992 के युद्ध के बाद से इस क्षेत्र पर आर्मेनिया का कब्जा है। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र में अलगाववादी संगठनों का वर्चस्व रहा है। इसके कारण कई दशकों के जातीय संघर्ष हुए हैं। दोनों देशों के बीच यह विवाद कई दशकों पुराना है। 1980 के दशक से 1992 तक दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र को लेकर युद्ध हुआ। उस दौरान 30 हजार से अधिक लोग मारे गए थे और दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। इस युद्ध में तुर्की अजरबैजान के समर्थन में है, जबकि रूस ने दोनों देशों के साथ व्यापार संबंधों को समाप्त करने की बात कही है।