दिल्ली के मुख्यमंत्री (cm) अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले वक्त में उनकी पत्नी (wife) सुनीता (sunita) के चुनाव (elections) लड़ने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें सक्रिय राजनीति (politics) में कोई दिलचस्पी (interest) नहीं है, भले ही वह उनकी गिरफ्तारी के बाद जनता के सामने आईं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मेरी जिंदगी के हर पड़ाव में सुनीता ने मेरा साथ दिया है. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके जैसी साथी मिली. मेरे जैसे सनकी व्यक्ति को बर्दाश्त करना आसान नहीं है.” अरविंद केजरीवाल ने याद किया कि साल 2000 में उन्होंने दिल्ली की मलिन बस्तियों में काम करने के लिए आयकर आयुक्त के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी थी. इसके बाद सामाजिक कार्यों में पूरा वक्त लगाने के लिए इस्तीफा दे दिया था. केजरीवाल ने कहा कि उस वक्त मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा या कोई पार्टी बनाऊंगा और चुनाव लड़ूंगा. मुझे बस प्रेरित किया गया और 10 साल तक काम किया.
अंतरिम जमानत पर बाहर हैं अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले और 2001 से 2002 तक दिल्ली सरकार की शराब उत्पाद शुल्क नीति से जुड़ी कथित अनियमितताओं के सिलसिले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें मौजूदा आम चुनावों में अपनी आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था.
पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, सुनीता केजरीवाल पार्टी के राजनीतिक केंद्र में आ गईं. उन्होंने जेल से भेजा गया केजरीवाल का संदेश पढ़ा, रोड शो किया और विपक्षी रैलियों में भाषण दिए. यह पूछे जाने पर कि क्या सुनीता अपनी राजनीतिक भूमिका जारी रखेंगी, केजरीवाल ने कहा, “जब मुझे गिरफ्तार किया गया था, वह मेरे और दिल्ली के निवासियों के बीच एक पुल का काम कर रही थीं. यह एक अस्थायी चरण था. उन्हें सक्रिय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. भविष्य में भी ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वो चुनाव लड़ें.
क्या केजरीवाल की पत्नी उनके वापस जाने के बाद अपना काम जारी रखेंगी, इस सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया, “हम जेल में सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, जिससे मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अपना काम जारी रख सकूं.” केजरीवाल ने अपनी पत्नी को बहादुर और मजबूत महिला बताया और कहा कि उनके दोनों बच्चे भी मजबूत और बहादुर बन रहे हैं.