महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयार हैं. इस बीच शिवसेना ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि अमित शाह महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रहे हैं.
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और झारखंड में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी अपने चेले चपाटे और चोर लफंगे के साथचुनाव हारने जा रहे हैं. किसी भी हालत में यह चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं. लोकसभा में हमने उन्हें चुनाव हराया और अब विधानसभा में भी हार रहे हैं. इसलिए यह लोग अब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और घोटाले कर रहे हैं और इसमें चुनाव आयोग उनकी मदद कर रहा है.”
उन्होंने आगे कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में जहां-जहां बीजेपी लड़ने जा रही है. लगभग 150 विधानसभा सीट हैं, वहां वह ऐसे वोटर्स को ढूंढ़ रहे हैं, जिन्होंने लोकसभा में महाविकास अघाड़ी को वोट दिया था. ऐसे हर विधानसभा क्षेत्र से 10 हजार वोटर्स और निकाल देंगे और दूसरे वोटर्स को डाल देंगे, जिससे कि हमारी जीतने की संभावनाएं कम हो जाए. यह सबसे बड़ा घोटाला चुनाव आयोग की मदद से होने जा रहा है. हम यह मुद्दा देश ही नहीं इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर लेकर जाएंगे कि देश में लोकतंत्र को कैसे खत्म किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक है. ऐसे में 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए कम समय बचता है. इस पर संजय राउत ने कहा कि 20 नवंबर को वोटिंग है और 23 नवंबर को नतीजे हैं और 26 तारीख तक सरकार बनानी है. महाराष्ट्र बहुत बड़ा राज्य है. यहां पर 23 से गिनती शुरू होकर 24 तक चलती है. सरकार बनाने के लिए मतदान और काउंटिंग के बाद सिर्फ दो दिन का समय दिया गया है. लोग दो दिन में मुंबई पहुंचते हैं, गठबंधन बनेगा एक साथ आएगा फिर राज्यपाल के पास जाएगा. दो दिन में ये सब कैसे होगा. इसलिए जानबूझकर 2 दिन का समय दिया है ताकि राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
संजय राउत ने आगे कहा, “चुनाव आयोग गृह मंत्रालय के दायरे में आता है, तो मुझे लगता है कि इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. आपको हमसे चुनाव लड़ना है तो मर्द की तरह सामने आइए और चुनाव लड़िए. अगर आप हारने के डर से इस तरह के घोटाले करेंगे, तो देश देश नहीं रहेगा. चंद्रशेखर बावनकुले ने तो नागपुर में रहकर इसकी स्पेशल ट्रेनिंग ली है कि कैसे घोटाला करना है और इसमें शिंदे और अजीत पवार को साथ नहीं लिया गया है. क्योंकि अब यह दोनों का हराने वाले हैं.”