नहीं रहें केंद्रीय खाद्द मंत्री रामविलास पासवान। लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को उनका निधन हो गया। वे पिछले काफी दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में उपचाराधीन थें। गत 3 अक्टूबर को उनका दिल का ऑपरेशन भी हुआ था। उनकी हालत में भी लगातार सुधार हो रहा था, लेकिन लगता है कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। अब हम सबके अजीज रहें रामविलास पासवान हमारे बीच नहीं रहें। उनके निधन पर सियासत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई गणामान्य नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। उधर, शुक्रवार दोपहर उनके शव को पटना एयरपोर्ट से सीधा लोकजन शक्ति पार्टी के कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। वहीं, उनके निधन पर उनकी पार्टी सहित समस्त देश में मौजूदा समय में शोक की लहर है।
ऐसा रहा सियासी जीवन
रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगडिया जिले में हुआ था। पासवान कोसी कॉलेज और पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1969 में वे पहली मर्तबा विधायक चुने गए थें। पासवान कोसी कॉलेज और पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1969 में वे बिहार के डीएसपी के तौर पर भी चुने गए थें। इसके बाद 1974 में पासवान पहली बार लोकदल के महासचिव बनाए गए थें।
इतनी बार रहे सांसद
हिंदुस्तान की सियासत में महारत हासिल करने वाले रामविलास पासवान 8 बार सांसद चुने गएं। मौजूदा समय में वे राज्यसभा के सांसद थें। पहली बार वह 1977 में हाजीपुर लोकसभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद वह 1980, 1989, 1996 और 1998, 1999, 2004, और 2014 में लोकसभा सदस्य के तौर पर देश की संसद पहुंचे।
ऐसा रहा व्यक्तिगत जीवन
वहीं, अगर उनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने दो शादियां की थी। पहली पत्नी राजकुमारी देवी के साथ उनका रिश्ता 1969 से 1981 तक रहा। इसके बाद उन्होंने 1982 रीना शर्मा से शादी की थी। पासवान की दो बेटियां उषा और आशा पासवान और एक बेटा चिराग पासवान हैं।