बाबा रामदेव द्वारा टीकाकरण अभियान और ऐलोपैथिक डाॅक्टरों पर दिए गए बयान को लेकर डाक्टरों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। आइएमए के बाद अब रेजिडेंट डाॅक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन आफ रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने भी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फोर्डा के अध्यक्ष डाक्टर मनीष ने बताया कि संस्था से जुड़े देश भर के सभी रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) रामदेव के खिलाफ देशभर में एक जून को काला दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस दौरान कोरोना ड्यूटी में लगे सभी डाक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी पीपीई किट पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। साथ वाट्सएप पर अपनी डीपी को भी काला रखेंगे। इस दौरान मरीजों की देखभाल में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। इसके लिए सभी आरडीए को पत्र भेज दिया गया है। डा मनीष ने आगे कहा कि देशभर के डाक्टर, पत्रकार, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी और शिक्षक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं।
रामदेव गैरजिम्मेदाराना बयानों से सरकार के टीकाकरण अभियान के खिलाफ झूठ फैलाया रहे
वहीं, रामदेव के द्वारा अपने गैरजिम्मेदाराना बयानों से सरकार के टीकाकरण अभियान के खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है। इसलिए फोर्डा सरकार से रामदेव के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग करता है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी आयुर्वेद सहित कभी भी किसी भी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ़ नहीं रही है। इसलिए एलोपैथिक डाक्टरों के खिलाफ दिया गया रामदेव का बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि रामदेव के बयान के बाद आइएमए लगातार उन पर हमलावर है। आइएमए की ओर से रामदेव पर कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने के साथ ही थाने में भी मामला दर्ज कराया गया है।