वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) बुधवार 26 मई को लगने जा रहा है। बुधवार को वैशाख पूर्णिमा भी है। आज लगने वाला यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होगा। हालांकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है, इसके कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिष के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आंखों से देखा जा सके। उपछाया चंद्र ग्रहण को देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों की जरूरत होती है। आज के चंद्र ग्रहण में चंद्रमा मटमैला दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण पूर्वोत्तर भारत में बहुत कम समय दिखाई देगा। बंगाल, अरुणाचल, नागालैंड, असम, त्रिपुरा, मेघालय में बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। भारत के बाकी हिस्से में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण जापान, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, सिंगापुर, बर्मा आस्ट्रे्लिया, दक्षिणी अमरीका, प्रशांत और हिन्द महासागर में भी दिखेगा।
यह चंद्र ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। पूरब में 26 मई की शाम को आसमान पर पूर्ण चंद्र ग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल और सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आएगा। ग्रहण आरंभ 15.15, खग्रास आरंभ 16,40, ग्रहण मध्य 16.49, ग्रहण समाप्त 16.58 और खग्रास समाप्त 18.23 बजे होगा।
ग्रहण के दौरान ये रखें सावधानी
ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। ग्रहण के नकारात्मक असर से बचने के लिए कुछ काम करने की सलाह भी दी गई है। साथ ही ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए दान-पुण्य करने के लिए भी कहा गया है। ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान उन्हें अपने पास एक नारियल रखना चाहिए। वास्तविक ग्रहण के समय कोई भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए। चंद्र ग्रहण के समय मंदिर बंद रहेगा। ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और खाना दोना वर्जित है। ताकि सेहत पर ग्रहण का बुरा असर न पड़े। इसके अलावा पहले से बनाकर रखे हुए भोजन, दूध आदि में भी ग्रहण शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए।