भारत के खिलाफ पाकिस्तान (Pakistan) की धरती से साजिश रचने वाले आतंकी हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम (Hafiz Saeed and Dawood Ibrahim) इस समय अपनी मौत को लेकर सहमे हुए हैं। उन्हें डर है कि पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी ISI कहीं दूसरे आतंकियों की तरह हमें भी ना मार दें।
आपको बता दें कि भारत के दो सबसे बड़े दुश्मन और मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शुमार हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने अपने घर में पनाह दे रखी है, लेकिन अब शायद इन दोनों के लिए पाकिस्तान में ही खतरा बना हुआ है. उन्हें शायद डर है कि कहीं न पाकिस्तान सरकार अपने फायदे के लिए उन्हें मरवा दे।एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में जो आतंकवादी काम के नहीं रहे, उन्हें अब मार दिया जा रहा है। पिछले 3 महीने में 4 ऐसे आतंकवादियों की मौत हो चुकी है या फिर उनकी हत्या करवा दी गई है, जो 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड है। इन आतंकवादियों में हिजबुल आतंकी और खालिस्तानी आतंकी शामिल है।
पाकिस्तान में बीते दिनों भारत के कई दुश्मन मारे गए. इनमें से मारे गए आतंकी का हाथ जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को मारने के पीछे भी था. हाल ही में 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह की लाहौर में हत्या कर दी गई. मार्च महीने में आतंकी जहूर इब्राहिम की कराची में हत्या कर दी गई थी।
वहीं 20 फरवरी को रावलपिंडी में हिजबुल के आतंकी बशीर अहमद पीर का मर्डर हुआ था। ये सारे ऐसे लोग थे, जिन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है और अगर वो किसी कारणवश फेल हो जाते है तो उसे ISI नाराज हो जाता है और उन्हें मार देता है।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी की मौत
सवाल ये है कि क्या ISI अपनी यूज एन्ड थ्रो पॉलिसी के तहत कई आतंकियों को मौत के घाट उतार देता है। उनका सीधा मतलब होता है, जो आतंकी किसी काम के नहीं होते है, वो उन्हें पालते नहीं है। शायद इसी डर से मुंबई 1993 ब्लास्ट का आरोपी दाऊद इब्राहिम और मुंबई 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अपने बिल में छुपे है। उन्हें भी ये डर सता रहा है कि कहीं न ISI अपनी यूज एन्ड थ्रो पॉलिसी के तहत मार न दे।
इसका सबसे बड़ा सबूत तब देखने को मिला, जब 29 मई को प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख और हाफिज सईद के करीबी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की पाक के जेल में संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी था।