सरकारी इमारत के पास आत्मघाती हमले के बाद तुर्की ने इसकी जिम्मेदारी लेने वाले संगठन के ठिकानों को तबाह कर दिया है. युद्धक विमान से उत्तरी इराक में 20 से ज्यादा संदिग्ध ठिकानों पर बम बरसाए. सुसाइड अटैक की जिम्मेदारी कुर्दिश विद्रोही संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके ने ली थी. तुर्की इस संगठन को आतंकी संगठन मानता है. हमले के बाद किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में पीकेके की गुफाओं, शेल्टर्स और डिपो को नष्ट किया गया है.
इससे पहले, एक आत्मघाती हमलावर ने आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एंट्री पॉइंट के पास विस्फोटक से हमला किया था. तुर्की इंटीरियर मंत्रालय के मुताबिक दो आतंकी थे, जिसमें एक ने खुद को बम से उड़ा लिया और दूसरे को वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने मार गिराया. हमले में दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. पीकेके ने आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.
बमबारी करने वाले हमलावर की मंशा हुई नाकाम
तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि अंकारा में बमबारी करने वाले हमलावर नागरिकों की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने के अपनी नई कोशिशों में विफल रहे. उन्होंने कहा, “जो लोग नागरिकों की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, वे अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए और न ही कभी कर पाएंगे.”
पीकेके की तर्ज पर सीरिया में तुर्की विरोधी आतंकी संगठन
तुर्की सीरिया स्थित आतंकी संगठन वाईपीजी को पीकेके के विस्तार के रूप में देखता है, जिसे तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. पीकेके 1984 से तुर्की के खिलाफ विद्रोह छेड़ रखा है. इसके संघर्षों में हजारों लोग मारे गए हैं. पिछले साल इस्तांबुल में एक सुसाइड अटैक में दो बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी. 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. तुर्की ने इसके लिए वाईपीजी और पीकेके को जिम्मेदार ठहराया था.
आतंकियों ने पहले एक शख्स की ली जान, कार हाईजैक किया और पहुंचे थे अंकारा
रविवार के हमले से पहले स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आतंकियों ने अंकारा से 300 किलोमीटर दूर वाहन को हाइजैक किया था, जिस वाहन से वे अंकारा में सरकारी इमारत के पास पहुंचे. उन्होंने वाहन के ड्राइवर को गोली मार दी और उसके शव को खाई में फेंक दिया. सरकारी इमारत के पास उन्होंने हमले की कोशिश की लेकिन तुर्की राष्ट्रपति के मुताबिक वे नाकाम रहे.