हम सभी जो भी इस धरती पर जन्म लिए हैं उसके जीवन का एक कड़वा सच भी है उसकी मौत, क्योंकि जो व्यक्ति आया है उसका अंत निश्चित है। मौत के मुंह से आजतक कोई इंसान न बच पाया है और न ही बच सकता है। जिंदगी और मौत हमारे जीवन का सबसे बड़ा और कठोर सत्या है और आपको बता की चाहे कोई भी हो अगर उसने जन्म लिया है तो मौत भी उसे आणि ही है। आज तक मौत से ना तो कभी कोई बच पाया है और ना ही कभी इससे बच सकता है। यह प्रकृति का नियम है जिसे हर किसी को मानना ही पड़ता है, फिर चाहे विज्ञान कितना भी उन्नत क्यों ना हो जाए मगर जो जीवित है उसे एक न एक दिन मरना ही है क्योंकि आपको पता होना चाहिए, यही विधि का विधान है।
आपने देखा होगा की हर इंसान अपने जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए हर पल कोई ना कोई प्रयास करता रहता है ताकि वो ढेर सारे पैसे कमा ले जिससे वो जीवन को बेहतर बना सके। इस संसार का नियम भी बड़ा अजीब है एक तरफ जहां कोई इंसान अपने पूरे जीवन काल में तमाम पाप करता है और फिर जब उसकी मौत हो जाती है तो उसके परिवार के लोग उसका पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने पूरे जीवन में सिर्फ और सिर्फ बेहतर काम करते हैं यह सोचकर की उन्हे नर्क का दुख ना झेलना पड़े और मौत के बाद वो स्वर्ग का सुख भोग सकें।
आज हम आपको कुछ ऐसे “उपाय” बताने जा रहे है जिसे यदि आप समय रहते कर लेते है तो यह निश्चित है की आप नरक जाने से बच सकते हैं। असल में इसे एक तरह का जुगाड़ भी कह सकते है, जुगाड़ इसलिए क्योंकि आपने यह देखा होगा की हमारे देश में आमतौर पर किसी भी चीज़ के लिए लोग “जुगाड़” की ही तलाश करते है जिससे उनका काम आसानी से पूरा हो जाए और ज्यादा मुसीबत भी ना झेलनी पड़े जानकारों की माने तो उनके अनुसार मौत के समय यदि आपके समक्ष ये चार चीजें साथ होती हैं तो यमदूत आपको नरक नहीं ले जाते, तो चलिये जानते हैं कौन सी हैं वो चार चीज़ें।
तुलसी का पौधा: कहा गया है कि अगर मौत के समय तुलसी का पत्ता या पौधा उसके सिर के पास होता है तो उसे यमदूत का भय नहीं रहता। इतना ही नहीं शास्त्रों में भी बताया गया है कि भगवान विष्णु को तुलसी काफी प्रिय है, शायद यही कारण है कि ये भगवान विष्णु के सिर पर विराजित हैं। इसी मान्यता को ध्यान में रखकर व्यक्ति के मृत्यु के दौरान तुलसी का पत्ता या पौधा सिर के पास रखा जाता है जिससे उसे यमदूत का भय नहीं रहता।
गंगाजल: हम सभी ये तो जानते ही हैं कि गंगाजल कितना पवित्र होता है आज भी इसकी पवित्रता उतनी ही है। भले ही हम लोग आज गंगा की सफाई को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं लेकिन अगर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो व्यक्त्िा के मौत के समय उसके मुंह में गंगाजल दिया जाए या सिर के पास रखा जाए तो उस व्यक्ति का तन-मन शुद्ध माना जाता है, जिसके कारण उसे यमराज का भय नहीं होता।
श्रीमद्भाग्वत गीता: गीता जिसे एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है और इसे लेकर लोग कसमें भी खाते हैं। मान्याता है कि इसके अनुसरण से व्यक्ति को बेहतर जीवन का मार्ग मिलता है और यही कारण है कि मौत से पहले अगर किसी व्यक्ति के सामने गीता का पाठ किया जाए तो व्यक्ति का तन और मन का मोह दूर होता है।
रामायण का पाठ: आपको बता दें कि मृत्यु शैय्या पर लेटे व्यक्ति के लिए रामायण का पाठ करना बेहद ही लाभदायक माना गया है क्योंकि भगवान राम भी विष्णु के अवतार हैं, इस ग्रंथ में भगवान विष्णु के रामावतार की कथा है, जिसे सुनने से मन आनंद से भर आता है और मृत्यु पाने वाले व्यक्ति के लिए मुक्ति की राह आसान हो जाती है।