बढ़ती उम्र में मेमोरी को घटने से रोकना चाहते हैं तो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें। अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की हालिया रिसर्च कहती है, हाई ब्लड प्रेशर का असर आपकी मेमोरी पर भी पड़ रहा है। 30 से 40 साल की उम्र में आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है तो इसे कंट्रोल करें क्योंकि यह डिमेंशिया का रिस्क बढ़ाता है।
61 फीसदी लोगों में खतरा देखा गया
ब्लड प्रेशर और गिरती याद्दाश्त यानी डिमेंशिया के बीच के असर को समझने के लिए ब्रिटेन के 2.50 लाख लोगों पर रिसर्च की गई। इनकी उम्र 35 से 44 साल के बीच थी और ये हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे थे। MRI रिपोर्ट में सामने आया कि इनमें से 61 फीसदी लोगों को भविष्य में मेमोरी गिरने का खतरा रहता है। यह रिसर्च अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने की है।
हाई बीपी वालों का ब्रेन सिकुड़ रहा
शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में पाया कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन सिकुड़ता है। इसके आकार में कमी आने और डिमेंशिया के बीच एक कनेक्शन मिला। रिसर्च कहती है, 35 साल की उम्र वाले ऐसे इंसान जिनका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, उनका ब्रेन अधिक सिकुड़ रहा है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल नहीं करते हैं तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
साइलेंट किलर बढ़ा रहा है हृदय रोगी
2019 में ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन ने अनुमान लगाया था कि ब्रिटेन में 30 से 40 साल की उम्र वाले 40 लाख लोग हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ‘साइलेंट किलर’ कहे जाने वाले हाई बीपी के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है, तनाव, संक्रमण, दवाइयां और यहां तक कि पानी की कमी के कारण भी ब्लड प्रेशर गड़बड़ हो सकता है। चिंता की बात यह है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो घटते-बढ़ते ब्लड प्रेशर को समझ नहीं पाते। यही स्थिति आगे चलकर गंभीर रोगों और मौत की वजह बनती है। इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।
दुनियाभर में 150 करोड़ लोग इससे जूझ रहे हैं
WHO का कहना है, वर्तमान में दुनियाभर में 150 करोड़ लोग हायपरटेंशन से जूझ रहे हैं। 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की मौत हृदय रोगों से हुईं। इनसे एक तिहाई मौंतों के लिए हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हायपरटेंशन के मरीज इस बीमारी को समझ ही नहीं पाते। इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। नतीजा, मरीजों में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं होती हैं।
4 पॉइंटस में समझें ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने का फॉर्मूला
1. स्मोकिंग से 20 मिनट तक बढ़ा रहता है बीपी यह इसलिएजरूरी क्योंकि: निकोटिन आर्टरीज को सिकोड़कर कर उनकी दीवारों को सख्त कर देता है। इसके अलावा रक्त का थक्का जमने में भी यह भूमिका निभाता है। इंसान द्वारा एक सिगरेट पीने के बाद दिल की धड़कनों को सामान्य होने में 20 मिनट का समय लगता है। इसलिए इसे छोड़ने में ही भलाई है।
2. 1 किलो वजन घटाएंगे तो 1 पॉइंट कम होगा बीपी
यह इसलिए जरूरी क्योंकि: मेयो क्लीनिक के मुताबिक, मोटापे से परेशान ओवरवेट इंसान अगर एक किलो वजन कम करता है तो ब्लड प्रेशर 1 मिमी एचजी (मोटे शब्दों में 1 प्वाइंट) तक कम हो जाता है। यही नहीं ब्लड प्रेशर का संबंध कमर से भी है। यदि पुरुष की कमर 40 और महिला की कमर 35 इंच से ज्यादा तो इसका खतरा अधिक है।
3. रोज खाने में 5 ग्राम से ज्यादा नमक न खाएं यह इसलिए जरूरी क्योंकि: एक युवा व्यक्ति के दिनभर के भोजन में 5 ग्राम से कम नमक होना चाहिए। एक छोटे चम्मच के बराबर नमक में लगभग 2,300 मिग्रा सोडियम होता है। खाने में सोडियम की इस मात्रा को कम करके 5 से 6 प्वाइंट बीपी कम किया जाता सकता है।
4. 30 मिनट की एक्सरसाइज से 5 से 8 पॉइंट बीपी कम यह इसलिए जरूरी क्योंकि: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार यदि प्रतिदिन 30 मिनट तक वॉक की जाए तो ब्लड प्रेशर में 5 से 8 प्वाइंट तक कमी आती है। हालांकि वॉक लगातार करनी चाहिए अन्यथा ब्लड प्रेशर फिर से बढ़ सकता है। इसके अलावा जॉगिंग, साइकिलिंग और डान्स करने से भी ब्लड प्रेशर कम होता है।