उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में जांच टीम (SIT) चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. एसआईटी ने मामले की चार्जशीट को पीओ ऑफिस भेजा, जो सम्भवतः सोमवार को दाखिल की जाएगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी मुर्गेशन ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 500 पन्नों की चार्जशीट में 100 गवाहों के बयानों को दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि पूरे मामले में एसआईटी को तीन मोबाइल मिले थे, जिनमें से एक मोबाइल आरोपी अंकित और एक सौरभ और एक मोबाइल अंकिता था. मोबाइलों भी परीक्षण के लिए चंडीगढ़ लैब भेजा गया था, जिसकी जांच रिपोर्ट भी चार्जशीट में शामिल है. हालांकि, आजतक जांच टीम को अंकिता और आरोपी पुलकित का दूसरा मोबाइल नहीं मिल पाया है. एडीजी ने बताया कि पूरे मामले की जांच हो चुकी है. हालांकि, बाकी जांची जारी रहेगी औऱ एसआईटी अपना काम करती रहेगी.
डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर पी. रेणुका देवी की निगरानी में एसआईटी जांच कर रही है. उनका कहना है कि सभी साक्ष्यों को कलेक्ट कर लिया गया है, फिलहाल अभी इस पूरे मामले में कुछ साक्ष्य बाकी है, जिनकी जांच की जा रही हैं और कोर्ट से नार्को की परमिशन मिलने के बाद उसकी रिपोर्ट बनाकर एडिशनल चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
आरोपियों के खिलाफ 302, 201, 120 बी, 354 के साथ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल होगा. मामले में 22 दिंसबर को कोर्ट में नार्को टेस्ट को मंजूरी देने पर सुनवाई होगी. हालांकि, पुलिस को आरोपी पुलिस ने नार्को टेस्ट की हामी भरी है. लेकिन उसे कोर्ट में भी हामी भरनी होगी, तब जाकर नार्को टेस्ट होगा. दूसरे आरोपी ने कोर्ट से इस संबंध में दस दिन का वक्त मांगा था.
बीते 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ था. अंकिता भाजपा नेता के बेटे के होटल में काम करती थी. इस दौरान उस पर आरोपियों ने देह व्यापार का काम करने का दबाव बनाया था. लेकिन अंकिता ने इस बात से इंकार किया था. बाद में अंकिता लापता हो गई थी और चिल्ला नहर से उसकी लाश मिली थी. मामले ने काफी तूल पकड़ा था. प्रदेश ही नहीं, देश को झकझोर कर रख दिया था. पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के लिए एक एसआईटी बनाई थी, जो डांच कर रही है.फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चल रहा है.