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Vodafone-Idea को झटकाः सरकार को हर साल देने होंगे 40 हजार करोड़ रुपये, जानें मामला

भारत में तीसरे सबसे बड़े दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन-आइडिया ने पुणे में 26 गीगाहर्ट्ज और 3.3 गीगाहर्ट्ज बैंड में 5जी का परीक्षण किया है। दूरसंचार विभाग के महाराष्ट्र विंग के एक ट्वीट के अनुसार वोडाफोन-आइडिया ने घोले रोड, पुणे में 5G का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

टेलीकॉम कंपनी ने 16 अगस्त, 2023 को ऐसा किया। ध्यान दें कि वोडाफोन-आइडिया ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान 17 सर्कल के लिए स्पेक्ट्रम हासिल किया था, लेकिन 5G के परीक्षण की पुष्टि केवल एक सर्कल के लिए की है। इसका मतलब यह है कि टेलीकॉम कंपनी 2022 की 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए नोटिस इनवाइटिंग एप्लिकेशन (एनआईए) के अनुसार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम रोलआउट दायित्व को पूरा करने में विफल रही है।

IIFL सिक्योरिटीज ने कहा कि 2026 के बाद, एक बार स्थगन अवधि समाप्त होने के बाद वोडाफोन आइडिया को नियामक भुगतान के रूप में सरकार को हर साल लगभग 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। बता दें कि अगर वोडाफोन आइडिया नियमित भुगतान नहीं कर पाता है, तो संभावना है कि कंपनी में अधिक हिस्सेदारी सरकार के स्वामित्व में बदल जाएगी। भारत सरकार पहले से ही टेलीकॉम में सबसे बड़ी हितधारक है। लेकिन सरकार अब टेलीकॉम कारोबार में सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर बीएसएनएल के साथ रहना नहीं चाहती है।