कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आरपीएन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को अपना इस्तीफा सौंपा है. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. आरपीएन सिंह ने मंगलवार को अपना इस्तीफा पत्र सोनिया गांधी को भेज दिया है और उसके बाद वह बीजेपी कार्यालय में बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने कहा, ” 32 साल तक मैं कांग्रेस में रहा, लेकिन अब न तो वह पार्टी रही, जो हुआ करती थी. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यूपी में डबल इंजन की सरकार ने जिस तरह से विकास किया है. उसे सभी ने देखा है.” उन्होंने कहा कि देर आए और दुरुस्त आए, देश और यूपी के निर्माण में जो योगदान करना है, वह करेंगे. बता दें आरपीएन सिंह यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे है. वो यूपी के पूर्वांचल के पडरौना के रहने वाले हैं.
आरपीएन सिंह 1996, 2002 और 2007 में पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं. 1999 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे. 2004 में वे दूसरे स्थान पर रहे थे. 2009 के लोकसभा चुनाव में रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आर.पी.एन. सिंह) चुनाव जीते और यूपीए-2 की सरकार में भूतल परिवहन व सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री व गृह राज्य मंत्री रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को भाजपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय ने 85540 हजार मतों से पराजित किया था.
मैं अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ कर रहा हूं नया अध्याय
आरपीएन सिंह ने इसके साथ ही ट्वीट कर कहा, ‘आज जब पूरा राष्ट्र गणतंत दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद’. आरपीएन सिंह ने ट्वीट किया, ” यह मेरे लिए नई शुरुआत है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान के लिए तत्पर हूं.”
पडरौना सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
सूत्रों के मुताबिक, आरपीएन सिंह बीजेपी के टिकट पर पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं. आरपीएन सिंह 1996 से 2009 के बीच उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएन को बीजेपी में शामिल होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से मैदान में उतारा जा सकता है.